जांजगीर-चांपा । श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को आत्मिक शांति मिलती हैं। मनुष्य इस संसार की भौतिकता के मोह-माया को छोड़कर ईश्वर के निकट आता है,जो कि इस संसार का परम सत्य है।”
उक्त उद्गगार श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह एवं स्वर्गीयश्री संतलाल सोनी के वार्षिक श्राद्ध-निमित्त सोनार पारा,हटवारा चौक के पास चांपा में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दौरान व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य पंडित महावीर शर्मा, बिलासपुर ने व्यक्त किया।
श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ आज पोथी यात्रा निकालकर किया गया।ब्राम्हण पारा स्थित पद्मेश शर्माजी के आवास से भगवान विग्रह को लेकर अष्टभुजी मंदिर, समलेश्वरी मंदिर, सदर-बाजार, हनुमान मंदिर होते-होते कार्यक्रम स्थल तक पोथी यात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में सबसे पहले श्रीकृष्ण के प्रति अलौकिक प्रेम रखने वाले विनोद कुमार-श्रीमति मंजू सोनी श्रीराधा-कृष्ण की मनोहारी मूर्ति को लेकर चल रहे थे। उसके बाद मुख्य यजमान रमेश- श्रीमति सीता, राजेश कुमार-श्रीमति दुर्गा देवी रही। पीले वस्त्रों और आभूषणों से सुसज्जित स्वर्णकार समाज की महिलाएं, नवयुवतियां, पुरुषवर्ग गाजे-बाजे के साथ कथा स्थल तक पहुंची।श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना एवं श्रीमद्भागवत महापुराण की आरती उतारी गई। इसके साथ ही सप्त-दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ।
शशिभूषण सोनी ने बताया कि प्रथम दिवस आचार्य पंडित महावीर प्रसाद शर्माजी ने श्रीमद्भागवत कथा महात्म्य का विधिवत उल्लेख किया।उन्होंने कहा कि हमारे यहां की सतातन-धर्म की परंपरा रही है कि कथा का शुभारंभ गणेश पूजन से हो।आचार्यश्री शर्माजी ने बताया कि भगवान गणेशजी की पूजा से विद्या, बुद्धि, ज्ञान और धन की प्राप्ति होती हैं! गणेशजी उन पांच प्रमुखत: देवी-देवताओं•• ब्रम्हा, विष्णु, महेश और दुर्गाजी में से एक हैं,जिसकी मूर्ति पूजा पंजायतन रुप में होती हैं। इस अवसर पर रामधन, बिहारी लाल,धनसाय, रामकिशोर,संतोष कुमार-श्रीमति कमला,प्रदीप कुमार-श्रीमति सुशीला, अशोक, अनिल,हरि प्रसाद, नारायण प्रसाद,दिलीप,संतोष जयश्री,सत्यवान,कृष्णगोपाल, यज्ञनारायण,संतोष सराफ शशिभूषण सोनी,विनय कुमार, पद्मेश शर्मा, पंडित सृजन कुमार सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे।भागवत कथा का वाचन प्रतिदिन अपराह्न- 3:30 से 7:30 बजें रात्रि तक किया जा रहा हैं । यजमान राजेश कुमार सोनी ने धार्मिक श्रृद्धालुओं से श्रीमद्भागवत कथा में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की हैं।