वरिष्ठ मंत्री का आरोप, मुद्दा विहीन पार्टी बन गई है भाजपा, सम्प्रादायिक माहौल बनाकर अपनी जमीन तलाशने में लगी है
रायपुर। प्रदेश के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चैबे ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शान्ति का टापू है। यहाॅ साम्प्रदायिक सदभाव को बिगाड़ने वाली घटना को अक्षम्य माना जाता है। कवर्धा की घटना के पीछे जिन लोगों के निहित स्वार्थ है। उन लोगों को पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने प्रदेश भर से अपने कार्यकर्ताओं को कवर्धा में बुलाकर खुलेआम हिंसा की घटना की, जिसके प्रमाण मौजूद है। श्री चैबे ने यह बात आज प्रदेश के वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर के शंकर नगर स्थित शासकीय आवास में मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कही। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, छत्तीसगढ़ राज्य अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चन्द्राकर तथा छत्तीसगढ़ राज्य क्रेडा के सदस्य श्री कन्हैया लाल अग्रवाल, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा, उपस्थित थे।
श्री चैबे ने कहा कि झण्डा को लेकर हुई आपसी लड़ाई को भाजपा ने साम्प्रदायिक रूप देने का प्रयास किया जो कि निंदनीय है। कवर्धा के विधायक श्री मोहम्मद अकबर ने स्वयं निर्देश देकर झण्डा को लगवाया। उन्होंने कहा कि कवर्धा में धारा 144 लागू होने के बावजूद भाजपा ने 5 अक्टूबर को जुलूस निकाला। इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग स्थानों जैसे-बिलासपुर, मुंगेले, बेमेतरा, कुरूद, धमतरी, रायपुर, राजनांदगाॅव से लोगोें को बुलाया गया था। ये काम इतना सुनियोजित ढंग से किया गया था कि एक रात पहले इन लोगांे को स्कूल में ठहराया गया था। प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से ये लोग कवर्धा किसके बुलावे पर आये थे, इन्हें ठहराने वाले कौन लोग थे, इसे चिन्हित करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि दुर्ग पुलिस रेेंज के आईजी द्वारा प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से भाजपा कार्यकर्ताओं को कवर्धा बुलाये जाने का खुलासा किए जाने से भाजपा बौखलायी हुई है। कवर्धा में हुई हिंसा की विडियोग्राफी में भाजपा के लोगों के चहरे साफ नजर आ रहे है। प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री ने पूछा कि भाजपा यह बताये कि बाहर से अपने लोगों को कवर्धा क्यों बुलाया गया ? उन्हें स्कूल में क्यों ठहराया गया ? जुलूस निकालकर आपत्तिजनक नारे लगाकर माहौल को साम्प्रदायिक रूप देने का प्रयास क्यों किया ? कवर्धा में हिंसा क्यों मचाई गई ?
मीडिया प्रतिनिधियों के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कवर्धा की घटना में शामिल सभी दोषियों पर सक्त से सक्त कार्यवाही करने का निर्देश दिए है। कृषि मंत्री ने कहा कि माहौल खराब करने व हिंसा फैलाने की घटना में जिनके भी चहेरे सामाने आएंगे उनके खिलाफ न केवल एफ.आई.आर. होगी बल्कि गिरफ्तारी भी होगी। इस सवाल पर कि कवर्धा में जुलुस की अनुमति क्यों दी गई, वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि शांति पूर्ण विरोध का भरोसा दिलाए गया था। उन्होंने माना कि प्रशासन के द्वारा इस मामले में थोड़ी चूक हुई है। यह पूछने पर ही पूर्व सांसद अभिषेक सिंह की अगुवाई में बेहद आपत्तिजनक नारे लगाए जाने को वे किस रूप में देखते है, श्री चैबे ने कहा कि कवर्धा में इस तरह के नारे लगाकर माहौल को संप्रादायिक रूप देने की कोशिश की गई।
राजनांदगांव लोकसभा सीट के सांसद संतोष पाण्डेय के इस आरोप पर कि एक वर्ग ने आपत्तिजनक नारे लगाए लेकिन उन पर कार्यवाही नहीं की जा रही है, कृषि मंत्री चैबे ने कहा कि किसी को नहीं बख्शा जा रहा है। सभी घटनाओं की वीडियों फुटेज उपलब्ध है, सभी मामलों में कार्यवाही की जा रही है। अगर सांसद पाण्डेय एक रत्ती भी सच बोल रहे है तो उनके पास अगर प्रमाण है तो वे इसे पुलिस प्रशासन को उपलब्ध करा सकते है। कृषि मंत्री ने कहा कि कवर्धा के बाहर के लोगों ने कवर्धा जाकर जो घटना कि इसके प्रमाण भी मीडिया उपलब्ध कराए जाएगा।
प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि कवर्धा धर्म नगरी है जहाॅ धर्म प्रेमी जनता निवास करती है। भाजपा की साम्प्रदायिक कोशिशों को कवर्धा की जनता ने नकार दिया है। कवर्धा नगर के 34 अलग अलग समाजों ने साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिशों की निंदा की है। कवर्धा की जनता ने शांति मार्च निकालकर यह संदेश दिया है कि वह साम्प्रदायिकता के खिलाफ है। श्री चैबे ने कहा कि वे कवर्धा की जनता की धन्यवाद देना चाहते है। उन्होेने कहा कि कवर्धा में झण्डा विवाद की घटना को लेकर साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश करने वालों को छत्तीसगढ़ की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे ने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है व मुद्दा विहीन पार्टी बन गई है इसलिए मुद्दा तलाश रही है। भाजपा ने सुकमा के एस.पी. की एक टीम के आधार पर प्रदेश में धर्मान्तरण का मुद्दा उठाने की कोशिश की। दूसरी कोशिश कवर्धा की घटना है जिसके आधार पर साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश की गई है। छत्तीसगढ़ में इस तरह की कोई कोशिश कामयाब नहीं हो रही है जिसके कारण भाजपा गहरी कुण्ठा में है।