भोग लगा करके के चना दाल के महाप्रसाद श्रद्धालुओं को बांटे
भाटापारा/अर्जुनी- अंचल सहित स्थानीय जय श्री बाबा देव धर्म नगरी के नाम से जानें जाने वाला गौरव ग्राम रावन में प्रातः काल से ही माता देवालयों में भक्तगण दर्शन करने पहुंचे,शारदीय नवरात्रि दुर्गोत्सव के अवसर पर समितियों ने आकर्षक पंडाल सजाकर विभिन्न मोहिनी मुरत रूपों की मूर्ति स्थापित की है, जो क्षेत्र सहित आसपास के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अंचल के चौक-चौराहो में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-पाठ किया जा रहा है। इससे गांव का वातावरण भक्तिमय हो गया है। इसी प्रकार स्थानीय दामाद पर बजरंग चौक में पंडाल सजाकर मां के रौद्र रूप धारण कर शेर पर सवार राक्षसों का वध कर रही मां के मूर्ति की स्थापना की गई है। वही गांधी चौक मेें मां दुर्गा जो अपनी हाथों में माताओं लिए हुए हैं, समिति कुछ वर्षों से दुर्गोत्सव के अवसर पर मां के मूर्ति की स्थापना करते आ रहे हैं। पंडाल सजाकर इस आकर्षक मूर्ति की स्थापना, किसी युवाओं की समिति ने नहीं, बल्कि मोहल्ले की महिलाओं एकजुट होकर किया है।स्थानीय श्री राम मंदिर चौक मां भवानी दुर्गा महिला समिति ने मां के इस आकर्षक मूर्ति की स्थापना की है। पंडाल पर मां की सुबह शाम आरती की जाती है। उसके बाद मां का भजन,जसगीत पारंपरिक वाद्य यंत्र झंझा,मंजीरा,मांदर की धुन में गायन किया जाता है रात में मां के जयकारे की गूंज पूरे मोहल्ले में गूंजती है। समिति के द्वारा पंडाल मोहल्ले के बच्चों के मनोरंजन के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है। तो वहीं बड़ो के मनोरंजन के लिए पंडाल पर गरबा व मंजीरे तथा मांदर की थाप पर जसगीत का आयोजन भी करते हैं। इससे पंडाल पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है।पंडाल पर श्रद्धालु समय से पहले ही पहुंच जाते हैं सड़क किनारे पंडाल होने पर राहगीर सहित आसपास के लोग भी और मां के जसगीत का आनंद उठाते हैं। समिति महामाया चौक, इंदिरा निवास चौक, सरस्वती चौक हाई स्कूल रोड, का पंडाल सड़क किनारे स्थित होने मां की मूर्ति राहगीरों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। राहगीर अपनी बाइक रोककर पंडाल पर पहुंचकर मां की पूजा-अर्चना कर रहे हैं और अपनी मन्नतें मांग रहे हैं। इंदिरा निवास चौक युवा समिति के द्वारा स्थापित की गई प्रतिमा मोहल्लेवासी तथा राहगीरों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
मां के जसगीत से गुंजायमान है क्वांर नवरात्रि दुर्गाेत्सव पर समितियों के द्वारा मां की मूर्ति स्थापित कर पंडाल पर जसगीत का आयोजन किया जा रहा है। इससे आसपास गांवों के विभिन्न चौक में स्थित पंडाल पर श्रद्धालुओं द्वारा मां के जसगीत का गायन किया जाता है। वहीं जसगीत सूनने आसपास के लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। पंडालों में शाम को आरती होने के बाद मां का भजन गायन किया जाता है। मां के जसगीत का गायन करने से गांवो मां के जसगीत से गुंजायमान है।