रायपुर : सूर्य उपासना का महत्वपूर्ण त्योहार छठ पारम्परिक उत्साह और समर्पण के साथ मंदिर हसौद के तालाब घाट पर भी 10 नवंबर की शाम और 11 नवंबर की सुबह को मनाया जाएगा। इन अवसरों पर सूर्यदेव को दूध और जल से अर्घ्य देकर लोग परिवार व समाज के कल्याण की प्रार्थना करेंगे। इस तालाब पर घाट निर्माण में जेएसपीएल ने भी योगदान किया है।
रायपुर देश का एक ऐसा शहर है, जहां पूर्व-पश्चिम-उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक झलकियां अलग-अलग समय में देखने को मिलती हैं। देश के पावर कैपिटल और स्टील हब के रूप में विख्यात छत्तीसगढ़ विभिन्न संस्कृतियों का अद्भुत संगम है क्योंकि रोजगार के लिए देश के कोने-कोने से आए लोगों ने इस धरती को अपना लिया और वे यहीं के होकर रह गए। इन्हीं लोगों में शामिल हैं बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आए लोग, जो सूर्य उपासना का महापर्व छठ अपने साथ लेकर आए और तालाब की छत्तीसगढ़ी संस्कृति के साथ घुलमिल गए। मंदिर हसौद के तालाब में लंबे समय से छठ पूजा की परम्परा है, जिसमें जेएसपीएल द्वारा बनाए गए घाट पर भी लोग पूजा के लिए आते हैं।