रायपुर। झीरम मामले में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के बयानों पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराये जाने की मांग की है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि लगातार आ रहे असंगत बयानों ने कांग्रेस नेतृत्व को और अधिक संदिग्ध बना दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए भूपेश बघेल झीरम का सबूत अपनी जेब में होने की बात करते थे लेकिन, अभी तक उन्होंने किसी भी एजेंसी के समक्ष कोई साक्ष्य अपनी जेब से निकाल कर प्रस्तुत नहीं किया है. ऐसे में मुख्यमंत्री पर भारतीय दंड संहिता के तहत साक्ष्य छिपाने का स्पष्ट आरोप बनता है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा जस्टिस मिश्रा आयोग की रिपोर्ट आने के साथ ही जिस तरह कांग्रेस में बौखलाहट है, जिस तरह मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस के सभी नेता बयानबाजी कर रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस और अधिक संदिग्ध नज़र आ रही है.
प्रदेश प्रवक्ता मूणत ने कहा कि किसी भी ऐसे जघन्य हत्याकांड से कौन सबसे अधिक लाभान्वित होता है, इसके आधार पर भी विवेचना की जाती है. निश्चित ही कांग्रेस में हाशिये पर रहे उस समय के नेता जो अपना चुनाव तक हार चुके थे, आज महत्वपूर्ण पद पर हैं. श्री मूणत ने कहा कि कांग्रेस में सतत सत्ता संघर्ष और गुटीय राजनीति होते रहता है, ऐसे में किसी भी हद तक ये लोग जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिस रिपोर्ट का अभी अध्ययन तक नहीं किया गया है, फिर भी इस हद तक कांग्रेस नेताओं का डरा होना अनेक संदेहों को जन्म देता है.
भाजपा प्रवक्ता मूणत ने कहा कि दिवंगत सभी नेतागण भले कांग्रेस के रहे हों लेकिन वे सभी प्रदेश के रत्न थे, उन सबका बलिदान प्रदेश की सबसे बड़ी और अपूरणीय क्षति है. भाजपा चाहती है कि जल्द से जल्द झीरम का सच बाहर आये लेकिन कांग्रेस शासन का वर्तमान नेतृत्व इस मामले को लटकाना क्यों चाहता है, क्यों बहाने बना कर कर मामले को लगातार खीचना चाह रहा है, यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा सीबीआई को भी प्रदेश में प्रतिबंधित करने के पीछे के कारणों का खुलासा होना चाहिये और इस नक्सल हमले का जल्द से जल्द खुलासा होना चाहिए.
प्रवक्ता मूणत ने याद दिलाया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी भी झीरम मामले में नक्सलियों को क्लीन चिट दे चुके हैं, आखिर उन्हें ऐसी क्या जल्दबाजी थी, यह भी समझ से परे है. ऐसे अनेक तथ्य हैं जो कांग्रेस को संदिग्ध बनाते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस निर्दोष है तो उसे राज्यपाल के यहां से जांच रिपोर्ट को आने का इंतज़ार करना चाहिए था और उसके बाद उसे विधि अनुसार ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’ के साथ सदन के समक्ष प्रस्तुत करना था. ऐसा नहीं कर कांग्रेस कठघरे में खड़ा हो गयी है. उन्होंने कहा कि कितना भी गाल बजा ले कांग्रेस दोषियों को बचाने की दिख रही उसके मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे.