15 साल तक भाजपा 26.5 प्रतिशत और 25 प्रतिशत वैट लेती थी तब वैट का क्यों विरोध नहीं किया?
रसोई गैस, खाद्य तेल, रोजमर्रा के सामानों की महंगाई पर भाजपाई क्यों आंदोलन नहीं करते?
रायपुर/20 नवंबर 2021। वैट कम करने की मांग को लेकर भाजपा द्वारा किया गया चक्का जाम आंदोलन भाजपा के बेशर्म नौटंकी का नमूना है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यदि डीजल-पेट्रोल पर वैट लेना गलत है तो भाजपा बतायें उसने 15 सालों तक वैट क्यों लगाया था? क्या तब रमन सरकार के द्वारा लिये जाने वाले वैट के कारण महंगाई नहीं बढ़ी थी? रमन सरकार तो 13 साल तक पेट्रोल-डीजल पर 26.5 प्रतिशत वैट वसूलती थी। छत्तीसगढ़ सरकार डीजल-पेट्रोल पर वही वैट लेती है जो रमन सरकार वसूलती थी। 2018 के विधानसभा चुनाव के 2 साल पहले भाजपा ने कटौती कर 25 प्रतिशत किया था। पेट्रोल-डीजन के दाम केंद्र द्वारा बढ़ाये गये एक्साइज ड्यूटी के कारण बढ़ा है। भाजपाई केंद्र से बढ़ा हुआ एक्साइज ड्यूटी घटाने के बजाय राज्य से वैट कम करने की मांग कर जनता में भ्रम फैलाने का काम कर रहे मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी तीन गुना और डीजल पर दस गुना एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया था और कम मात्र 5 रु. और 10 रु. किया है।प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा रसोई गैस की महंगाई के खिलाफ आंदोलन क्यों नहीं चला रही है, मोदी सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम 410 रु. को ढाई गुना बढ़ा कर 1000 रू. कर दिया, भाजपाई इसके खिलाफ क्यों आंदोलन नहीं करते? सरसों तेल एवं अन्य खाद्य तेलों के दाम दुगुने से भी ज्यादा बढ़ गया है। अडानी और रामदेव की कंपनी का खाद्य तेलों पर एकाधिकार है। खाद्य तेलों की महंगाई के खिलाफ भाजपाई आंदोलन क्यों नहीं कर रहे हैं? राशन सामाग्री, कपड़े, रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं, सब्जी आदि के दाम बेतहाशा बढ़े है। भाजपा इन वस्तुओं की महंगाई के खिलाफ क्यों मौन? राज्य से वैट कर करने की मांग करके भाजपाई महंगाई के लिये जिम्मेदार नरेन्द्र मोदी सरकार को बचाने के लिये आंदोलन की नौटंकी कर रही है।