लगातार करेंगे खारून नदी सफाई कार्य- डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर
रायपुर: रायपुर की जीवन दायिनी लाइफ लाइन खारून नदी की दुर्दशा व अत्यंत गंदगी को देख कर पर्यावरण संरक्षक डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर एवं उनकी टीम के सदस्यों द्वारा खारुन नदी महादेव घाट के आसपास नदी के किनारे व तटों की सफाई का कार्य प्रारंभ किया गया जो निरंतर जारी रहेगा। डॉ पुरुषोत्तम चंद्राकर पर्यावरण संरक्षक ने बताया कि खारुन नदी में प्रदूषण स्तर बढ़ गया है जिसके कारण राजधानी की खारुन नदी के पानी में भारी मात्रा में झाग बन रहा है बर्फ के टुकड़ों की तरह झाग के टीले नदी में बहते दिखाई पड़ रहे हैं इसके बाद भी नाले नालियों की गंदगी और सीवरेज का गंदगी पानी बिना ट्रीटमेंट के खारून में मिल रही है
इसमें गिरने वाले नालों के गंदे पानी को उपचारित करने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से तीन एसटीपी का निर्माण तो हो रहा है लेकिन अब तक कार्य अधूरा है राजधानी की जीवनदायिनी खारुन नदी है इसी के पानी पर शहर निर्भर है पानी को उपचारित किए जाने के बाद लोगों के घरों तक पीने और निस्तारी के लिए सप्लाई किया जाता है इसके बाद भी खारून नदी में गिरने वाले नालों के गंदे पानी को रोकने की योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है. एसटीपी निर्माण पूर्णता की तारीख बढ़ती जा रही है. उधर प्रदूषण के कारण नदी में लक्ष्मण झूला से लेकर घाट तक झाग ही झांक नजर आ रहा है प्रकृति प्रेमी डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि खारून में भयंकर गंदगी और प्रदूषण की तरफ प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए लगातार ज्ञापन सौप कर जानकारी दी जा रही है।
खारुन नदी सफाई अभियान में ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर के संस्थापक अमिताभ दुबे, गुरुकुल महिला महाविद्यालय के प्रोफेसर रात्रि लहरी, कविता कुम्भज, ललित काकडे, महेंद्र कश्यप, पद्मिनी वर्मा, पुनीता चंद्रा, सुनील नायक, अनिल चंद्राकर, जागेश्वरी चंद्राकर, गायत्री बघेल, प्रीति मिश्रा, लता यादव, भूमिका यादव अभी उपस्थित रहे। डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि खारुन नदी सफाई अभियान लगातार करते रहेंगे एवं लोगों को निवेदन करेंगे की घर की पूजा सामग्री विसर्जित करने के बजाए हवन कुंड में डालें एवं पॉलिथीन को नदी में प्रवाहित ना करें।