गरियाबंद। पंडित सुंदरलाल शर्मा के 140 जयंती समारोह का आयोजन आज राजिम के मंगल भवन में आयोजित किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में पूर्व पंचायत एवं संस्कृति मंत्री अजय चंद्राकर, अध्यक्षता वरिष्ठ कवि मीर अली मीर के साथ ही विशेष अतिथि के तौर पर राजिम नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती रेखा सोनकर उपध्यक्ष श्रीमती रेखा साहू वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़िया पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष डॉ रामकुमार साहू जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू व महेश यादव विशेष रूप से उपस्थित थे इस अवसर पर वक्ताओं ने विशेष रूप से पंडित सुंदरलाल शर्मा के जीवन काल का वर्णन करते हुए उनके समाज उत्थान एवं वर्ग भेद को समाप्त करने की विशेष चित्रण किया ।कार्यक्रम का आयोजन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गरियाबंद श्रीमती श्वेता शर्मा ने किया
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा अपने समय के महान समाज प्रवर्तक थे उन्हें छत्तीसगढ़ का गांधी कहा जाता था और यह उपाधि स्वयं गांधी जी ने उन्हें दिया था पंडित सुंदरलाल शर्मा के चलते ही महात्मा गांधी दो से तीन बार छत्तीसगढ़ पहुंचे जिसमें चंपारण व कुंडल धमतरी जल सत्याग्रह का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों समय पंडित सुंदरलाल शर्मा के विशेष आग्रह पर वे यहां पहुंचे थे और पंडित सुंदरलाल शर्मा को उन्होंने युग परिवर्तक बतलाते हुए कहा कि अगला जयंती उनके जन्म स्थल में आयोजित किया जाना चाहिए इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनों से पंडित सुंदरलाल शर्मा की पर एक विस्तृत किताब का मुद्रण करने की बात भी कही विशेष रुप से उन्होंने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा कार्यों के के चलते ही आज जो छत्तीसगढ़ लोगों का स्वाभिमान है वह उनकी ही देन है अन्यथा आजादी के इस लड़ाई में तो मात्र दो चार परिवारों का ही उल्लेख होता है पंडित सुंदरलाल शर्मा के चलते ही ऐसे लोगों का के नाम भी सामने आ रहे हैं जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना बलिदान दिया था । उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि जो पंडित सुंदरलाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ में जाति धर्म व वर्ग को समाप्त करने का जो काम किया है वही काम आज सार्थकता के रूप में सामने आ रहा है और इतने सालों के बाद वही बातें हमारे समाज के अन्य महान पुरुष भी कह रहे हैं कि समाज में जाति धर्म वर्ग का भेदभाव नहीं होना चाहिए यही बातें बहुत पहले पंडित सुंदरलाल शर्मा ने कही थी उनके मित्र वीरेंद्र दीपक को याद करते हुए उन्होंने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा के वंशज होने के चलते उनमे भी वही गुण थे जो पत्रकारिता में स्पष्ट रूप से नजर आता था इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कवि मीर अली मीर ने पंडित सुंदरलाल शर्मा के जीवनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने राजिम में एक लंबा वक्त गुजारा है यहां उन्होंने अपने नौकरी के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि राजिम के सस्मरण को भुलाया नहीं जा सकता राजिम के पास जो श्यामनगर है वहां उन्होंने काफी वक्त गुजारा है और राजिम के साहित्यकार व यहां के नागरिकों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्व. पवन दीवान जीक्ष स्व.कृष्णा रंजन जी वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय वीरेंद्र दीपक के साथ ही ऐसे अनेक साहित्यकार इस क्षेत्र में हुए हैं जिनके बदौलत राजिम के चलते ही छत्तीसगढ़ का नाम भी रोशन होता है। यह एक राजिम की उपलब्धि है ।इस अवसर पर विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती रेखा सोनकर ने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा ने जो काम राजिम में किया है वह छत्तीसगढ़ में याद किया जाता है और आज भी राजिम भगवान राजीवलोचन के बाद पंडित सुंदरलाल शर्मा के चलते ही याद किया जाता है यह उनके लिए गौरव की बात है उन्होंने कहा पंडित सुंदरलाल शर्मा पुस्तकालय वह अब समाप्त प्राया हो चुका है इसे पुनर्जीवित करने लोगों से आग्रह किया ।इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री महेश यादव ने कहा कि यहाँ जो पुस्तकालय पंडित सुंदरलाल शर्मा जी के नाम पर है इसका नवीन उद्धार होना चाहिए और लोगों को विभिन्न विषयों में में पुस्तक पढ़ने को मिलना चाहिए इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक व पूर्व जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष श्रीमती श्वेता शर्मा ने कहा कि राजिम की धरती में ऐसे ऐसे ऐसे सपूत पैदा हुए हैं जिनका उल्लेख के बगैर छत्तीसगढ़ का उल्लेख संभव नहीं है यहां स्व. पवन दीवान जी स्व. कृष्णा रंजन जी पंडित सुंदरलाल शर्मा के साथ ही अनेक महान सपूत पैदा हुए हैं और आज भी राजिम उन्हीं के बदौलत याद किया जाता है श्रीमती श्वेता शर्मा ने कहा कि यह उनके लिए गर्व की बात है कि मैं उनकी वंशज हूं और वीरेंद्र दीपक जैसे पत्रकार की सुपुत्री हूं। इस अवसर पर पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष डॉ रामकुमार साहू ने पंडित सुंदरलाल शर्मा को युग प्रवर्तक बतलाते हुए कहा कि उनकी आभा में आज भी छत्तीसगढ़ के अंदर राजिम में विद्यमान है लोग जब छत्तीसगढ़ को याद करते हैं तो राजिम को सबसे पहले याद करते हैं जिसका मुख्य कारण है पंडित सुंदरलाल शर्मा जी के अपने वर्ग समाज व जाति भेद को समाप्त करने की भावना ।इस अवसर पर पत्रकार रमेश पहाड़िया ने कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा के चलते ही राजिम की महत्वता आज भी बरकरार है राजिम की पहचान भगवान राजीव लोचन के बाद अगर किसी को जाता है तो वह पंडित सुंदरलाल शर्मा स्व. पवन दीवान जी स्व. कृष्णा रंजन जी के साथ ही ऐसे महान सपूत हुए हैं जिनके बदौलत राजिम को छत्तीसगढ़ में आज भी याद किया जाता है और राजिम वासियों को इसके लिए गर्व है