रायपुर 6 जनवरी । पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रुकने की बात पर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पूरी घटना को पंजाब में कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त करने का षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री का काफिला उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कई बार जाम में फंसा है। इस बार चुनाव सिर पर है। लोगों की सहानुभूति चाहिए तो जान का खतरा बताया जा रहा है। अब सत्ता के लिए प्रधानमंत्री कितना नीचे गिरेंगे।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पंजाब सरकार ने पूरी व्यवस्था की थी।
सरकार को एयरपोर्ट, हेलीपेड और आयोजन स्थल की जानकारी दी गई थी, इसके लिए पंजाब पुलिस के 20 आईपीएस अधिकारी और 10 हजार जवान लगाए गए थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने बठिंडा से फिरोजपुर तक सड़क से जाने का प्लान PM के बठिंडा पहुंच जाने के बाद बताया, इतने कम समय में उतने लंबे रास्ते को घेर पाना किसी के लिए संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रधानमंत्री को यह क्यों कहना पड़ा कि जिंदा लौट पाया। क्या उनकी गाड़ी पर पत्थर फेंके गए। काले झंडे दिखाए गए। ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को पंजाब में एक दलित सीएम बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इन लोगों को पता चल गया है कि पंजाब और उत्तर प्रदेश से ये साफ होने वाले हैं। ऐसे में ये लोग विशुद्ध राजनीति कर रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री को जान का खतरा था तो रैली करने क्यों गए। खराब मौसम की वजह से कई रैलियां रद्द हुई हैं। कोरोना की वजह से कार्यक्रम रद्द हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने कर दिया, प्रियंका गांधी ने कर दिया लेकिन प्रधानमंत्री को तो हर हाल में रैली करनी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, PM वहां केवल राजनीति के लिए गए थे, यह दुर्भाग्यजनक है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और प्रधानमंत्री सुरक्षा की एजेंसी पर सवाल खड़े किए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यह IB और प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों की फेल्योर है। मौसम खराब था तो हेलीकाप्टर से जाने का प्रोग्राम बनाकर प्रधानमंत्री की जान खतरे में क्यों डाली गई।
भूपेश बघेल ने पूछा, इस चूक के लिए केंद्रीय एजेंसियों पर क्या कार्रवाई हो रही है।
केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं की ओर से पंजाब सरकार की बरखास्तगी और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विरोध किया।
झीरम घाटी में ताे छत्तीसगढ़ कांग्रेस की एक पूरी पीढ़ी खत्म हो गई। जहां सुरक्षा दी जानी चाहिए थी वहां नहीं दी गई। तब तो भाजपा के लोगों की ओर से राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग नहीं उठी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, यह पूरी यात्रा एक राजनीतिक षड्यंत्र थी। जिस सभा में प्रधानमंत्री जा रहे थे, वहां 700 लोग भी नहीं थे। भीड़ बढ़ने की उम्मीद में प्रधानमंत्री सड़क से गए। 100 किमी चल भी चुके थे। तब भी लोग नहीं बढ़े तो वे लौट आए।