धरसींवां (रायपुर), 14 जनवरी 2022। धरसींवां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आज 6 घंटे के भीतर 5 सी-सेक्शन द्वारा सुरक्षित प्रसव कराए गए। प्रसव उपरांत जच्चा और बच्चा स्वस्थ है ।
इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नियमित रूप से प्रतिदिन 2 या 3 सामान्य प्रसव होते हैं एवं माह में लगभग 50 से 60 सामान्य प्रसव कराए जाते हैं जिसमें एएनएम, मितानिन, और सुपरवाइजर का विशेष सहयोग रहता है। प्रथम बार इस केंद्र पर सिजेरियन प्रसव 18 दिसंबर 2021 को किया गया था।
विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन.के लकड़ा ने बताया: ‘’ हमारी पहली प्राथमिकता सामान्य प्रसव कराने की रहती है। कुछ प्रसव सामान्य न होकर सिजेरियन करने पड़ते हैं । आज पांचों केस में अलग-अलग परिस्थितियों थी । किसी का पूर्व में भी सिजेरियन हुआ था, तो किसी के साथ हाई रिस्क प्रेगनेंसी थी । सामान्यता कोशिश यही रहती है कि सामान्य प्रसव हो।‘’
डॉ. लकड़ा ने कहा ‘’सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले माह 18 दिसंबर से सिजेरियन की शुरुआत की गई है नियमित रूप से सिजेरियन किए जा रहे हैं । आज 5 केस ऐसे थे जिनको सिजेरियन करने की आवश्यकता रही ।‘’
इन प्रसवों की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के मीडिया प्रभारी गजेंद्र डोंगरे ने बताया यह प्रसव लोअर सिंगमेंट सिजेरियन सेक्शन के माध्यम से करवाए गए । वर्तमान में धरसींवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 5 डॉक्टर और तीन अन्य स्टाफ कोविड पॉजिटिव है । विपरीत परिस्थितियों में भी विभाग के कर्मठ कार्यकर्ता अपने कर्तव्य को पूर्ण करने में लगे हुए हैं और आज के प्रसवों से यह सराहनीय कार्य कर दिखाया। ’’ पहली बार मां बनी ममता निषाद कहती हैं कि शुरू से ही उसको उच्च रक्तचाप की शिकायत थी। साथ ही प्रसव पूर्व जाँचों में कुछ अन्य समस्याएं भी उजागर हुई थी।
चिकित्सकों द्वारा नियमित एएनसी जांच एवं मितानिन दीदी द्वारा नियमित गृह भ्रमण के दौरान सुरक्षित प्रसव और संस्थागत प्रसव के लिए बताया गया । रक्त की कमी भी थी, जिसे गोलियों के माध्यम से दूर किया गया । साथ ही शासकीय चिकित्सालय में डिलीवरी के समय सरकार के द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ भी मिला,’’ ममता ने बताया।
सी-सेक्शन डिलीवरी को सफल बनाने में डॉ.एनके लकड़ा विकासखंड चिकित्साधिकारी, डॉ.तौफीक ख़ान, डॉ.मंजू तिर्की, स्टाफ नर्स नलिनी यदु, पुणेश्वर चेलक,अर्चना मसीह,मीना वर्मा,संध्या रात्रे, विक्रम सिंह, शमा परवीन और भारती बंजारे एवं राकेश महानंद का सहयोग रहा।