हिंदुस्तान को बेरोजगारिस्तान बना दिया
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को जुमलेबाजी और देश की जनता के साथ झाँसेबाजी करार देते हुए कहा है कि पिछले 4 साल से लगातार बढ़ रही बेरोजगारी मोदी सरकार की नीतियों का नतीजा है। इस दौरान सवा करोड़ से ज्यादा युवा बेरोजगार बढ़ गए, निराश हताश युवाओं ने नौकरी की उम्मीद ही छोड़ दी है, 95 फीसदी बेरोजगार युवा हैं, ग्रेजुएट बेरोजगार युवाओं की संख्या 1 करोड़ 18 लाख से अधिक है, इस पर मोदी के मन में कोई स्थान नहीं है कि इन युवाओं को रोजगार दिया जाय। युवा भारत के सपने दिखाने वाले मोदी ने युवा पीढ़ी को बेरोजगारी का तोहफा दिया है, इस पर भी कभी बात कर लें कि 2014 में हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का सब्जबाग दिखाकर देश की सत्ता पर काबिज होने के बावजूद अब तक 15 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बजाय तीन करोड़ तीन लाख बेरोजगार उत्पन्न क्यों कर दिए।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी के मन की बात सुनते सुनते लोग बोर हो गए हैं। उन्होंने एक भी बार जनता के मन की बात नहीं की है। लोकतंत्र में जनता के मन की बात सुनी जाती है, विपक्ष की भावनाओं का सम्मान किया जाता है, विपक्ष जनता की आवाज उठाता है लेकिन देश में 2014 के बाद से हम दो, हमारे दो की नीति लागू है। न देश का हित दिखाई दे रहा, न जनता के हित में एक भी कदम उठाया गया और न ही विपक्ष को बोलने दिया जा रहा। संसद में हिटलरशाही चलाई जा रही है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। हिंदुस्तान को बेरोजगारिस्तान बना दिया है। महंगाई आसमान छू रही है। जनता का जीना दूभर हो गया है और नीरो मन की बात सुना रहा है। मोदी कभी आर्थिक विषमता, बेरोजगारी, बेहिसाब महंगाई पर बात करेंगे, इसकी उम्मीद ही नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार युवाओं को नौकरी, रोजगार दे रही है। तीन साल में पांच लाख युवाओं को नौकरी के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। किसान, पशुधन से लेकर खेतिहर मजदूर तक के साथ आर्थिक न्याय किया जा रहा है तो भाजपा के ठुकराये जा चुके तमाम नेता बेतुके आरोप लगाते हैं। यदि रमन सिंह, धरमलाल कौशिक और विष्णुदेव साय सहित भाजपा के सांसदों, विधायकों में जरा सी भी शर्म बची है तो वे मोदी के मन की बात सुनने की बजाय मोदी को जनता के मन की बात सुनाएं। वैसे पांच राज्यों के चुनाव में जनता अपने मन की बात सुनाने तैयार है।