*”यस्य पूज्यते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवताः” -डॉ. महंत*
रायपुर, 08 मार्च 2022/ छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त मातृ शक्तियों को प्रणाम करते हुए बधाई शुभकामनाएं दी।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को महत्व दिया गया है, हमारे संस्कृत में एक श्लोक है – “यस्य पूज्यते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवताः” अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं ।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, हमें प्रत्येक महिला का सम्मान करना चाहिए, अवहेलना, भ्रूण हत्या और नारी की अहमियत न समझने के परिणाम स्वरूप महिलाओं की संख्या, पुरुषों के मुकाबले आधी भी नहीं बची है। इंसान को यह नहीं भूलना चाहिए, कि नारी द्वारा जन्म दिए जाने पर ही वह दुनिया में अस्तित्व बना पाया है और यहां तक पहुंचा है। उसे ठुकराना या अपमान करना सही नहीं है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी, दुर्गा व लक्ष्मी आदि का यथोचित सम्मान दिया गया है अत: उसे उचित सम्मान दिया ही जाना चाहिए।
विस् अध्यक्ष डॉ महंत ने कहा कि, भारत में नारियों को मौलिक अधिकार, मतदान का अधिकार और शिक्षा का अधिकार तो प्राप्त है लेकिन अभी भी स्त्रियां अभावों में जिंदगी बीता रही हैं। हमारे समाज में धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं। आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो नारियों से अछूता हो। आज चाहे फिल्म हो, इंजीनियरिंग हो या मेडिकल, उच्च शिक्षा हो या प्रबंधन हर क्षेत्र में स्त्रियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। अब बेटे और बेटी के बीच फर्क घटा है लेकिन अभी भी यह कुछ वर्ग तक ही सीमित है। नारियों के समक्ष खुला आसमान और विशाल धरती है जिस पर वह अनंतकाल तक अपना परचम लहरा सकती है।