अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिले में एनीमिया मुक्त कोरिया अभियान का शुभारंभ’’जिला प्रशासन की पहल पर 08 से 14 मार्च तक हीमोग्लोबिन जांच पखवाड़ा, 59 हजार से अधिक गर्भवती व शिशुवती माताओं एवं किशोरी बालिकाओं की होगी जांच, स्वास्थ्य सुधार के लिए दी जाएगी सम्पूर्ण देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा’’350 स्वास्थ्य एवं 12 आरबीएस टीमें जिले के 653 गांवों में रहेंगी तैनात’
कोरिया 08 मार्च 2022/अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज जिले में कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में एनीमिया मुक्त कोरिया अभियान का शुभारंभ किया गया। 08 से 14 मार्च तक चलाए जा रहे हीमोग्लोबिन जांच पखवाड़ा महाअभियान के तहत जिले के 350 स्वास्थ्य टीमों एवं 12 आरबीएस टीमों के द्वारा 653 गांवों के स्वास्थय संस्थाओं, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा 350 विद्यालयों में जाकर समस्त गर्भवती व शिशुवती माताओं एवं 15 से 18 वर्ष की किशोरी बालिकाओं का हीमोग्लोबिन जांच की जाएगी। अभियान को सफल बनाने में नर्सिंग छात्रों, मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षा विभाग भी अपनी सहभागिता निभाएंगे।
कलेक्टर श्री शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग को त्रुटिरहित अभियान के क्रियान्वयन के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यह अभियान परिणाममूलक रहे जिससे जिले में महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से शुरू किए जा रहे इस अभियान का लाभ मिले।
’59 हजार से अधिक लक्षित महिलाओं की होगी जांच’जिले में 59 हजार 10 महिलाओं के जांच का लक्ष्य निर्धारित कर महाअभियान की शुरुआत की गई। जिसके अंतर्गत विकासखण्ड बैकुण्ठपुर की 16 हजार 93 महिलाओं जिनमें 5 हजार 423 किशोरी बालिकाओं, 4 हजार 268 गर्भवती माता एवं 6 हजार 402 शिशुवती माता की हीमोग्लोबिन जांच की जाएगी ।इसी प्रकार विकासखण्ड भरतपुर की लक्षित 8 हजार 898 महिलाओं जिनमें 2 हजार 675 किशोरी बालिकाओं, 2 हजार 489 गर्भवती माता एवं 3 हजार 743 शिशुवती माता, विकासखण्ड खड़गवां की लक्षित 11 हजार 671 महिलाओं जिनमें 3 हजार 646 किशोरी बालिकाओं, 3 हजार 210 गर्भवती माता एवं 4 हजार 815 शिशुवती माता, विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ की लक्षित 13 हजार 552 महिलाओं जिनमें 4 हजार 547 किशोरी बालिकाओं, 3 हजार 602 गर्भवती माता एवं 5 हजार 403 शिशुवती माता, सोनहत की लक्षित 4 हजार 862 महिलाओं जिनमें 1 हजार 472 किशोरी बालिकाओं, 1 हजार 356 गर्भवती माता एवं 2 हजार 34 शिशुवती माता एवं चिरमिरी की लक्षित 3 हजार 935 महिलाओं जिनमें 2 हजार 60 किशोरी बालिकाओं, 750 गर्भवती माता एवं 1 हजार 125 शिशुवती माताओं की जांच की जानी है। महिलाओं के चिन्हांकन के बाद स्वास्थ्य सुधार के लिए सम्पूर्ण देखभाल और चिकित्सकीय सुविधा भी महिलाओं को उपलब्ध कराई जाएगी।
’एनीमिया मुक्ति के लिए जिले में आयरन एवं फोलिक एसिड की दवाइयों ’
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि एनीमिया एक रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं की सामान्य संख्या से कम या हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी के कारण रक्त में ऑक्सीजन देने की क्षमता कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण एशिया में एनीमिया मातृ मृत्यु दर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। जिले का एमएमआर 215 है जो राज्य के एमएमआर से अधिक है। एनीमिया मुक्ति के लिए जिले में महिलाओं को आयरन तथा फोलिक एसिड टैबलेट दिया जा रहा है।