रायपुर, 30 मार्च 2022 : मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की प्रगति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की। मुख्य सचिव ने महिला बाल विकास, स्वास्थ्य और खाद्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुपोषित बच्चे, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं परामर्श सेवायें समय पर लगातार दी जायें और इन्हें कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त करने के लिए सभी आवश्यक कार्य करें। मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में विभिन्न जिलों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लाभांवित हितग्राही, मुख्यमंत्री सुपोषण निधि के उपयोग की जिलेवार प्रस्ताव, एनीमिक महिलाओं हेतु पोष्टिक थाली की प्रतिदिन रेसिपी, बच्चों को पौष्टिक व्यंजन और सुपोषण अभियान की आगामी रणनीति की विस्तार समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुपोषित महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक ताजा गर्म भोजन दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को कहा है कि राज्य के विभिन्न जिलों में गौठानों में उत्पादित सब्जियां, मशरूम एवं अन्य पौष्टिक चीजों का उपयोग सुपोषण अभियान के लिए किया जाए। इसके माध्यम से गौठानों में कार्यरत स्व सहायता समूह की महिलाओं को गौठानों में हरी सब्जियां एवं अन्य पौष्टिक सामग्री के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्य सचिव ने खाद्य विभाग के सचिव को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पौष्टिक गुणों से युक्त अच्छी किस्म का चावल रियायती दर पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मुख्य सचिव ने कहा है कि गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती कर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने के लिए उनका समुचित इलाज किया जाए। इसके लिए उन्होंने महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती रेणु जी पिल्ले, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, सचिव स्कूल शिक्षा एवं कृषि डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव मुख्यमंत्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी और खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा, सचिव महिला एवं बाल विकास भूवनेश यादव, संचालक महिला एवं बाल विकास सुश्री दिव्या उमेश मिश्रा सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मौजूद थे।