जिला पंचायत महासमुंद के सीईओ को जांच कर दोषी पाये जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा

रायपुर, 20 अप्रैल / छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम. के. राउत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का समय पर अनुपालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण तीन जनसूचना अधिकारी को 25-25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए] मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को निर्देशित किए हैं कि जांच कर दोषी पाये जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करें और अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें।
सूचना व्यक्ति के ज्ञान का स्त्रोत है। वह विकास की आधारभूत शक्ति है । सूचना व्यक्ति के जीने और संघर्ष करने की सामर्थ को बढ़ाती है, जो सूचना दे रहा है उसमें सहयोग पारदर्शिता और संयम को विकसित करती है। केन्द्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त पंचायतीराज सरथाएँ, स्थानीय शासन तथा गैर-सरकारी संगठन जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान प्राप्त होता है] इस कानून में शामिल किया गया है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में नागरिकों को जानकार बनाने के लिए यह अधिनियम मील का पत्थर साबित हो रहा है।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत श्री विनोद दास बसना ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलेमाल जनपद पंचायत पिथौरा जिला महासमुंद को 19 जुलाई 2018 कों आवेदन कर एक अपै्रल 2017 से 31 मार्च 2018 तक ग्राम पंचायत बिलेमाल में 14 वें वित आयोग के तहत व्यय एवं भुगतान किए गए सभी बिल व्हाउचर और रोकड़ बही की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी। किन्तु जनसूचना अधिकारी बिजेमाल ने नियत समय पर आवेदक को कोई जानाकरी उपलबध नहीं कराई] जिससे व्यथित होकर आवेदक ने प्रथम अपील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा 13 सितंबर 2018 को आवेदन किया, जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 02 नवंबर 2018 को निर्णय दिया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश का पालन जनसूचना अधिकारी ने नहीं किया गया और न ही अपीलार्थी को जानकारी दिया गया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आवेदक ने द्वितीय अपील आयोग में किया।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम.के. राउत ने आयोग की सुनवाई में जनसूचना अधिकारी के के द्वारा समय पर जवाब नहीं देने को गंभीरता से लेते हुए जनसूचना अधिकारी सूचना के द्वारा आवेदक को जानकारी से वंचित रखा गया। जनसूचना अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि पंचायत चुनाव प्रक्रिया और कोविड-19 के तहत क्वारंटाईन सेंटर में ड्यूटी के कारण जानकारी देने में विलंब हुआ। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्री मुरलीधर साव ने समय पर जानकारी नहीं दिया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना की और प्रथम अपीलीय अधिकारी क आदेश प्राप्त नहीं होने संबंधी मिथ्या कथन के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलेमाल श्री मुरलीधर साव जनपद पंचायत पिथौरा को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को निर्देशित किए हैं कि जांच कर दोषी पाये जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करें।
इसी प्रकार एक अन्य प्रक्ररण में श्री दास ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी(ज) जनपद पंचायत कसडोल जिला महासमुंद को 10 अक्टूबर 2019 में आवेदन कर एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2019 तक 14 वें वित आयोग के तहत व्यय एवं भुगतान किए गए सभी बिल व्हाउचर और रोकड़ बही की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल़ को 28 नवंबर 2019 को आवेदन किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी कोई विनिश्चय नहीं किया जिससे क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन किया। जनसूचना अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि आवेदन प्राप्त नहीं हुआ, जबकि प्रथम अपीलीय अधिकारी ने कहा कि आवेदक को सुनवाई के लिए समय दिया गया किन्तु आवेदक उपस्थित नहीं हुआ और जनसूचना अधिकारी को जानकारी उपलब्ध कराने निर्देश दिया गया। आयोग ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी(ज) दौलतराम बर्मन जनपद पंचायत कसडोल नोटिस जारी कर जवाब सहित सुनवाई में उपस्थित होने कहा, किन्तु बार-बार अवसर देने के बाद भी जनसूचना अधिकारी ने आयोग में नहीं जवाब प्रस्तुत किया और नहीं सुनवाई में उपस्थित हुआ। मुख्य राज्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(2) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी(ज) श्री दौलत राम बर्मन जनपद पंचायत कसडोल को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल को निर्देशित किए हैं कि कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करें और प्रथम अपीलीय अधिकारी को निर्दश दिए कि आवेदक को 30 दिवस के भीतर जानकारी निःशुल्क उपलब्ध कराएं।
आवेदिका श्रीमती दीपांजलि सरवंश ग्राम गेर्रा तहसील सरायपाली ने जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत छिबर्रा(गेर्रा) जनपद पंचायत सरायपाली को 16 सितंबर 2019 को आवेदन कर 14 वें वित आयोग के तहत वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक किए गए व्यय एवं भुगतान किए गए सभी बिल व्हाउचर और रोकड़ बही, केश बुक, पासबुक और गाईडलाईन की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सरायपाली़ को 18 अक्टूबर 2019 को आवेदन किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी 6 नवंबर 2019 को आदेश पारित कर कहा कि 7 दिवस के भीतर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराएं। किन्तु जनसूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने से क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन किया। जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत छिबर्रा(गेर्रा) श्री टेकराम बिशी जनपद पंचायत सरायपाली का नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया किन्तु बिलंब के कारण की जानकारी नहीं दी।
मुख्य राज्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने कहा कि जनसूचना अधिकारी श्री टेकराम बिशी ने आवेदिका को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(1) का जानबुझकर उलंघन करते हुए विलंब से जानकारी दी। उन्होंने अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत जनसूचना अधिकारी सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) छिबर्रा(गेर्रा) श्री टेकराम बिशी जनपद पंचायत कसडोल को 25 हजार रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।

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