जब आंदोलनकारी जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजते है तो अनुमति लेने में परहेज क्यों?
रायपुर /25 अप्रैल 2022। आंदोलन धरना प्रदर्शन जुलूस और ध्वनि यंत्रों के लिए जिला प्रशासन से अनुमति की अनिवार्यता का विरोध कर रहे भाजपा को कांग्रेस ने आड़े हाथों लिया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह बताएं जो नियम उत्तर प्रदेश में लागू हो तो प्रजातान्त्रिक हो सकता है वही छत्तीसगढ़ में अलोकतांत्रिक कैसे हो गया?यूपी में तो धार्मिक आयोजन धरना प्रदर्शन जुलूस ध्वनि यंत्रों का इस्तेमाल के लिए प्रशासन से अनुमति अनिवार्य किया गया है अगर वही व्यवस्था छत्तीसगढ़ में लागू की गई है तो विरोध किस बात का है ?छत्तीसगढ़ में भी उस व्यवस्था का भाजपा को स्वागत करना चाहिए। जबकि आंदोलनकारी जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम से ज्ञापन भेजते हैं ऐसे में जिला प्रशासन से अनुमति लेकर आंदोलन करना लोकतंत्र और भारत के संविधान का सम्मान है भाजपा तो लोकतंत्र भारत के संविधान दोनों का विरोधी भाजपा के नेता हमेशा से देश के संविधान को बदलने की बात करते हैं और लोकतंत्र का अपमान करते हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा विपक्ष में है और विपक्षी होने के कारण जनसरोकार के मुद्दों का भी विरोध कर अपनी ओछी राजनीति कर रही है ।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सच्चाई यह है कि भाजपा के पास छत्तीसगढ़ में मुद्दा नहीं है जिसको लेकर जनता के बीच जाए आंदोलन और प्रदर्शन करें इसलिए भाजपा पहले अपने संप्रदायिकता की मानसिकता को सामने कर राजनीतिक कोशिश की लेकिन असफल रही। धर्म से धर्म को लड़ा कर जाति से जाति को लड़ा कर भेदभाव की राजनीति करने का षड्यंत्र किया गया। उसमें भी असफल रहे अब भाजपा के धरना प्रदर्शन में भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं जाते भाजपा को पैसा देकर भीड़ लाना पड़ता है। ऐसे में जिला प्रशासन के अनुमति के पत्रक में उन्हें धरना में शामिल लोगों का नाम देना है क्योंकि भाजपा जो भीड़ बुलाती है वह भाजपा से जुड़े लोग नहीं होते हैं और उनका नाम भाजपा के पास नहीं होता है इसलिए भाजपा इस विषय का विरोध कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि धरना प्रदर्शन जुलूस रैली में हथियारों के प्रदर्शन और ध्वनि यंत्रों के कान फोड़ू आवाजों के चलते जनता परेशान होती है बड़े बुजुर्ग और छोटे बच्चों में इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। जिसकी लगातार शिकायत मिलते रही है और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी ध्वनि यंत्रों को लेकर कड़ाई से तय मापदंडों का पालन कराने का निर्देश दिया है ऐसे में भाजपा विरोध कर माननीय न्यायालय के आदेशों की अवहेलना तो कर ही रही है साथ ही जनता की परेशानियों को भी बढ़ा रही है।