रायपुर, 28 अप्रैल 2022/ राज्य सूचना आयुक्त श्री अशोक अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के सभी निजी विश्वविद्यालय भी सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के दायरे में आते हैं और आवेदक को सूचना देना उनका कर्तव्य है। श्री अग्रवाल छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के निजी विश्वविद्यालयों के लिए आयोजित सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। श्री अग्रवाल ने राज्य के 15 निजी विश्वविद्यालयों के जनसूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम को ठीक से पढ़ लेने से ही अधिकतर प्रश्नों के उत्तर मिल जाते हैं और अपील की स्थिति निर्मित नहीं होती है। श्री अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि सूचना में देरी होने पर संबंधित विश्वविद्यालय का जन सूचना अधिकारी जिम्मेदार होता है तथा प्रार्थी भ्रामक जानकारी मिलने पर सीधे राज्य सूचना आयोग में शिकायत कर सकता है।
कार्यशाला में निजी विश्वविद्यालयों को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की अलग-अलग धाराओं के बारे में विस्तार से बताया गया तथा उन्हें तृतीय पक्ष और गोपनीय दस्तावेजों के संबंध में भी जानकारी दी गयी। कार्यशाला में ये जानकारी भी दी गयी कि आनलाइन वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्रकाशित करने पर लोगों को स्वतः जानकारियां मिलेंगी और इससे जानकारी मांगने के आवेदनों में कमी आएगी। कार्यशाला में निजी विश्वविद्यालयों के जन सूचना अधिकारियों ने राज्य सूचना आयुक्त से सूचना का अधिकार अधिनियम से संबंधित सवाल भी पूछे जिसका राज्य सूचना आयुक्त ने जवाब दिया।
सयुंक्त संचालक श्री धनंजय राठौर ने कहा कि आवेदक को जानकारी देते समय जनसूचना अधिकारी द्वारा नाम, पदनाम का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए। साथ ही आवेदक को प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम और पदनाम की भी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी आपके कार्यालय से संबंधित नहीं है, तो उसे संबंधित कार्यालय को 5 दिवस के भीतर अंतरण करना होता है। आवेदक द्वारा आवेदन पत्र में एक से अधिक विषय की जानकारी चाही गई है, तो केवल एक विषय की जानकारी आवेदक को दी जा सकती है। इसी तरह सशुल्क जानकारी देने की स्थिति पर शुल्क की गणना भी आवेदक को दी जाए और आवेदक द्वारा शुल्क जमा करने के पश्चात् ही वांछित जानकारी की फोटो कॉपी कराई जाकर उपलब्ध कराया जाए।
विधि अधिकारी श्री प्रवीण झालानी ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अधिनियम के प्रावधान की जानकारी पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी । निजी विश्वविद्यालय में भी सूचना का अधिकार अधिनियम लागू है, जिसके तहत आवेदक के द्वारा जानकारी मांगे जाने पर 30 दिवस के भीतर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराना होता है।
छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नया रायपुर स्थित कार्यालय में आयोजित इस कार्यशाला में आभार प्रकट करते हुए आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उमेश कुमार मिश्र ने कहा कि इस कार्यशाला से आयोग के अधिकारियों व कर्मचारियों समेत प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों को लाभ मिलेगा और वो सूचना का अधिकार अधिनियम की आवश्यकता को समझते हुए बेहतर कार्य कर सकेंगे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के सदस्य प्रशासनिक श्री ब्रजेश चंद्र मिश्र समेत प्रदेश के 15 निजी विश्वविद्यालयों के जन सूचना अधिकारी तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी उपस्थित थे।