रायपुर 25 मई
-छत्तीसगढ़ विधान सभा की वर्ष 2022-23 के लिए गठित लोकलेखा समिति की प्रथम बैठक आज विधान सभा परिसर स्थित मुख्य समिति कक्ष में संपन्न हुई । समिति की आज संपन्न प्रथम बैठक में विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत उपस्थित थे । बैठक में समिति के सभापति अजय चन्द्राकर, सदस्य सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, शैलेष पाण्डेय, डाॅ. श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, विधान सभा के सचिव दिनेश शर्मा, महालेखाकार, छत्तीसगढ़ दिनेश पाटिल एवं वित्त विभाग की सचिव श्रीमती अलमेरमंगई डी. भी उपस्थित थे ।
समिति की प्रथम बैठक को सम्बोधित करते हुए विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत ने कहा कि-लोकलेखा समिति विधान सभा की महत्वपूर्ण वित्तीय समिति है । इस समिति का महत्वपूर्ण कार्य शासन पर वित्तीय नियंत्रण रखना होता है । लोकलेखा समिति का मुख्य कार्य यह देखना होता है कि विधान सभा द्वारा जो बजट पारित किया गया है उसका खर्च उन्हीं योजनाओं एवं कार्यों में सही तरीके से किया गया है या नही । समिति यह भी देखती है कि निरर्थक व्यय या वित्तीय अनियमितता तो नहीं की गई है । उन्होने कहा कि-संसदीय समिति में वित्तीय समितियों की अहम भूमिका होती है । समितियां सभा का लघु स्वरूप होती हैं एवं समितियों के माध्यम से संसदीय प्रजातंत्र के मूल तत्व ’’कार्यपालिका की विधायिका के प्रति जबाबदेही’’ को सुनिश्चित किया जाता है । संविधान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रावधान किया गया है जो संघ-राज्य क्षेत्र में शासन द्वारा किये जाने वाले व्यय में होने वाली खामियों के संबंध में अपना प्रतिवेदन सभा पटल पर प्रस्तुत करते हैं । अध्यक्ष ने बताया कि विधान सभा की लोकलेखा समिति की पिछले वर्ष 46 बैठकें हुईं एवं समिति ने 81 प्रतिवेदन भी सभा में प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर समिति के सभापति श्री अजय चन्द्राकर ने अपने संबोधन मे कहा कि अध्यक्ष द्वारा समिति को जो मार्गदर्शन दिया गया है समिति उन अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरी उतरेगी । उन्होने विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत को आश्वस्त किया कि समिति की अधिक से अधिक बैठकें कर लंबित कार्यों को निपटाने पर जोर दिया जायेगा ।
समिति की सदस्य डाॅ. श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव ने मान. अध्यक्ष महोदय को समिति की प्रथम बैठक में उपस्थित होने पर उनका आभार व्यक्त किया।