रायपुर। ग्राम किरना में स्थित शौर्य इस्पात उद्योग द्वारा ईपीएफ़, ईपीएस, ईएसआईसी की राशि ग़बन कर अमानत में ख़यानत करने का मामला सामने आया हैं । प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओबीसी) के प्रदेश महामंत्री भावेश बघेल ने मज़दूरों की शिकायत के बाद सूचना का अधिकार के माध्यम से प्लांट के ईपीएफ़, ईएसआईसी, ईपीएस आदि से सम्बंधित दस्तावेज प्राप्त किए ।
प्राप्त दस्तावेज़ो के अवलोकन पर पाया गया कि प्लांट प्रबंधन द्वारा ईपीएफ़ में पंजीकरण ही 09/04/2022 को करवाया गया हैं जबकि 19 से ज़्यादा कर्मचारी होने पर यह पंजीकरण करवाना और ईपीएफ़ की राशि का भुगतान करना अनिवार्य होता हैं । विगत लगभग दो साल से 500 से ज़्यादा मज़दूर एवं अन्य कर्मचारी शौर्य इस्पात उद्योग में कार्यरत हैं ।
दो साल से किसी भी मज़दूर को ईपीएफ़, ईएसआईसी, ईपीएस का लाभ शौर्य इस्पात प्रबंधन द्वारा नहीं दिया गया हैं ।
इस तरह से जानबूझ कर आपराधिक मंशा से राशि ग़बन करने के उद्देश्य से प्लांट मालिकों ने ईपीएफ़ पंजीकरण नहीं करवाया था । विगत मार्च महीने में जब ग्रामीणों के आग्रह पर भावेश बघेल प्लांट में निरीक्षण करने पहुँचे तब आनन फ़ानन में प्लांट मालिक द्वारा अप्रैल में ईपीएफ़ पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया ।
इस तरह से प्लांट मालिक द्वारा सुनियोजित ढंग से मज़दूरों से क़रीब 70-80 लाख रुपये की राशि का ग़बन किया गया ।
इसकी शिकायत प्रदेश महामंत्री भावेश बघेल द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर श्री तारकेश्वर पटेल से की गयी हैं तथा मामले की जाँच कर प्लांट मालिक पर राशि ग़बन करने की प्राथमिकी दर्ज करने की माँग की गयी हैं । इसके अतिरिक्त इस मामले की शिकायत क्षेत्रीय भविष निधि आयुक्त श्री अभिषेक कुमार से भी की गयी हैं । दोनों ही अधिकारियों ने मामले की विस्तृत जाँच कर उचित कार्यवाही करने की बात कही हैं ।
इस दौरान भावेश बघेल के साथ किरना सरपंच कृष्णा साहू, कुथरेल सरपंच रेमन पाल एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे ।