मई, जून में 3.29 टन यूरिया मिलना था, मिला केवल 2.20 लाख टन
डीएपी कुल 1.80 लाख टन मिलना था, मिला उसका आधा
रायपुर/24 जून 2022। कांग्रेस ने कहा कि भाजपाई मोदी सरकार के छत्तीसगढ़ विरोधी कारनामे पर पर्दा डालने खाद को लेकर गलत बयानी कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार राज्य के किसानों की आवश्यकता के अनुरूप खाद की आपूर्ति नही कर रही। भाजपाई मोदी सरकार से राज्य में खाद की आपूर्ति करने की मांग करने के बजाय केंद्र की चाटुकारिता कर रहे। भाजपाई राज्य के किसानों के हितों से बढ़कर अपना खुद का हित देख रहे है, खुद के नम्बर मोदी के दरबार मे कम न होने पाए इसलिए वे मोदी सरकार के द्वारा राज्य में पर्याप्त रसायनिक खाद की आपूर्ति नही करने का भी बचाव कर रहे हैं। रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति देश के सभी राज्यों में केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय द्वारा कराया जाता है। दुर्भाग्यजनतक है देश में मोदी सरकार बनने के बाद राज्यों को उर्वरक सप्लाई करने में लगातार कोताही बरती जा रही है, यह स्थिति छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में है। देश के किसी भी राज्य में मोदी सरकार उर्वरकों की आपूर्ति नहीं कर पा रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि माह अप्रैल एवं मई, जून 2022 में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी, लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ। डीएपी मिलना था 1.80 लाख टन, मिला केवल 73.220 हजार टन। राज्य सरकार ने केंद्र से खरीफ के लिए लगभग 13.70 लाख मीट्रिक टन विभिन्न रासायनिक खादों को राज्य को आपूर्ति करने की मांग की थी,यूरिया 6.50 लाख टन, डीएपी 3 लाख टन, पोटाश 80 हजार टन, एनपीके 1.10 लाख टन एवं सुपर फास्फेट 2.30 लाख टन शामिल है। जिसकी केंद्र सरकार ने स्वीकृति भी दिया था। केंद्र ने राज्य को खाद देने का जो पैमाना निर्धारित किया उसका पालन नहीं कर रही। उर्वरक के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 62 प्रतिशत है। इसी प्रकार राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटाश की उपलब्धता 35 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में धान एवं अन्य खरीफ फसलों की बोवाई का काम जून में शुरू हो जाता है। जून में राज्य में रासायनिक खादों की मांग अधिक रहती है। आगामी दिनों में समय पर उर्वरक न मिलने से इनकी कमी हो सकती है। राज्य सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संकट के लिए मोदी सरकार का छत्तीसगढ़ विरोधी रवैय्या जिम्मेदार है। छत्तीसगढ़ के अधिसंख्यक किसान सिर्फ धान की खेती करते है यहां पर उर्वरक की कमी होने पर किसानों परेशानी में है जबकि जिन राज्यों में किसान बहुफसली खेती करते है उनके खरीफ के खातू में कटौती की भरपाई बाद में हो सकती है लेकिन मोदी सरकार ने राजनैतिक कारणों से उन राज्यो की आपूर्ति नहीं रोका लेकिन छत्तीसगढ़ की आपूर्ति कम कर दिया।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने खाद संकट पर राजनीति कर रही भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसद अपनी चुप्पी कब तोड़ेंगे? राज्य के साथ लगातार केंद्र सरकार अन्याय कर रही भाजपा के सांसद गूंगे बने हुए। राज्य की जनता ने उन्हें क्या सिर्फ वेतन भत्ते और सांसदी के रुतबे के लिए चुन कर दिल्ली भेजा है। मोदी की चाटुकारिता इनके लिए जनता जनार्दन से बड़ी हो गयी है।