रायपुर, 30 जून । राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के प्रयासों से पांचवी अनुसूची के क्षेत्रों के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों को, जिन्हें नगर पंचायतों में शामिल कर लिया गया था, उन्हें पुनः ग्राम पंचायत बनाने की कार्यवाही जारी है। कुछ नगर पंचायतों से ग्राम पंचायतों को पृथक किया जा चुका है, किन्तु कुछ ग्राम पंचायतें अभी भी नगर पंचायतों में ही शामिल हैं। जिसमें नगर पंचायत प्रेमनगर, नरहरपुर, दोरनापाल एवं नगर पंचायत बस्तर को पुनः ग्राम पंचायत बनाने के संबंध में राजभवन सचिवालय द्वारा पत्र लिखकर जानकारी चाही गई थी। उक्त आशय से नगरीय प्रशासन विकास विभाग ने पत्र के माध्यम से राजभवन सचिवालय को अवगत कराया है कि विधिक अभिमत प्राप्त करने के लिए नस्ती प्रचलन में है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार नगर पंचायत डौण्डी (जिला-बालोद) की सीमा में सम्मिलित ग्राम पंचायत/ग्राम उकारी को पृथक किया गया है। इसी प्रकार नगर पंचायत चिखलाकसा (जिला-बालोद) की सीमा से ग्राम पंचायत/ग्राम कारूटोला, झरनदल्ली (भोयरटोला), कुंजामटोला को पृथक किया गया है। साथ ही जिला-दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा की नगर पालिका परिषद् बड़े बचेली की सीमा से महात्मा गांधी वार्ड से बड़ेपारा, शहीद वीर नारायण वार्ड से पांडूपारा, लाल बहादुर शास्त्री वार्ड से तामोपारा, सुभाष चंद्र वार्ड से चालकी पारा, मांझीपारा, कोवा पारा, पटेल पारा, पुजारी पारा, महरा पारा, काया पारा, कुम्हार पारा को पृथक किया जा चुका है। इन ग्राम पंचायतों के गठन से ग्रामीणों को आरक्षण संबंधी एवं अन्य लाभ मिलेंगे।