कोरिया, पूर्व जिपं सदस्य देवेन्द्र तिवारी ने आज से राज्य शासन के अधिकारियों व कर्मचारियों के केन्द्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ते की मांग के लिए शुरू किए जा रहे हड़ताल का समर्थन करते हुए डीए से वंचित किये जाने के निर्णय को भूपेश सरकार की हठधर्मिता बताया है।उन्होंने कहा कि यह सरकार जनता को किये गए वादे पूरी नहीं कर पा रही है। और अब नियमों को ताक में रखते हुए जबरन कर्मचारी हितों के विरुद्ध जाकर काम कर रही है। श्री तिवारी ने कहा कि सरकार को शीघ्र डीए एवं उसका एरियर्स राज्य के कर्मचारियों को प्रदाय किया जाना चाहिए।
मंहगाई भत्ता केंद्र और राज्य कर्मचारियों को वर्ष में हर छमाही,दो बार मिलता है। प्रत्येक राज्य को केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता देने की अनिवार्यता होती है। लेकिन छत्तीसगढ़ में विगत 3 वर्ष से राज्य कर्मचारियों को केंद्र के बराबर DA नही दिया गया है।जिसके कारण छ्ग के प्रत्येक कर्मचारी को प्रतिमाह 4000 से 14000 तक नुकसान उठाना पड़ रहा है,इस कारण प्रदेश के समस्त विभाग के कर्मचारी 25 जुलाई से आंदोलन पर जा रहे हैं, उल्लेखनीय है कि DA जैसे अपने अधिकार को भी छ्ग के कर्मचारियों को इतिहास में पहली बार आन्दोलन करके मांगना पड़ रहा है क्योंकि यह बिन मांगे ही सरकार को जिम्मेदारी पूर्वक देना होता है,जो छ्ग सरकार नही कर पाई है।
*केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को वर्तमान में 34%DA मिलता है जबकि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मात्र 22% मिल रहा है। केंद्र से 12% पीछे| इसी प्रकार राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को एचआरए भी नहीं दे रही है।
सरकार का यह एक क्रूर व्यवहार है जो अधिकारी कर्मचारी के साथ उनके परिवार के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। आज मजबूर होकर राज्य शासन के कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं, यह छत्तीसगढ़ के उन्नति के लिए ठीक नहीं है।
श्री तिवारी ने कहा कि यदि राज्य सरकार कर्मचारी हित में शीघ्र निर्णय नहीं करती है तो हम कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके समर्थन में जनसमुदाय के साथ तीव्र विरोध करेंगे।