आवर्ती चराई गौठान कैलाशपुर के औचक निरीक्षण में पहुंचे कलेक्टर, महिलाओं द्वारा निर्मित झाड़ू सीमार्ट भेजे जाने के दिए निर्देश’
’सूखा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का कलेक्टर ने लिया जायजा, किसानों से की चर्चा’
कोरिया 03 अगस्त 2022/कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा आज विकासखण्ड सोनहत दौरे के दौरान वनक्षेत्र के आवर्ती चराई गौठान कैलाशपुर के औचक निरीक्षण में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने उपस्थित वन विभाग के अमले से गौठान में चारागाह की जानकारी लेते हुए नियमित रूप से पशुओं हेतु चारा एवं पानी की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के साथ नेपियर घास लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने गौठान में लगाए गए पौधों की देखरेख में लापरवाही किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए व्यवस्थित ढंग से रोपित किए जाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री शर्मा ने गौठान में गोबर खरीदी तथा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का जायजा लिया। वर्मी टांकों के गुणवत्ताहीन निर्माण पर रेंजर तथा गार्ड को नोटिस दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवर्ती चराई शासन की महत्वपूर्ण योजना है, योजना के क्रियान्वयन बेहतर हो। उन्होंने कहा कि गौठान में नियमित रूप से गोबर खरीदी की जाए, नेपियर घास लगाएं तथा 15 दिवस के भीतर गुणवत्तापूर्ण ढंग से वर्मी टांकों का निर्माण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
’गौठान में महिलाएं बना रहीं फूलझाड़ू, कलेक्टर ने विक्रय हेतु सीमार्ट भेजे जाने के दिए निर्देश -’
गौठान में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आजीविका गतिविधियों का भी संचालन किया जा रहा है। सांई बाबा महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गौठान में झाड़ू निर्माण का कार्य कर रहीं हैं। कलेक्टर श्री शर्मा ने महिलाओं से उत्पादन तथा विक्रय की जानकारी ली तथा बीपीएम को निर्मित झाड़ूओं को विक्रय हेतु सीमार्ट भेजे जाने के निर्देश दिए। वहीं महिलाओं द्वारा गौठान में ही राइस मिल का भी संचालन किया जा रहा है।
’सूखा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का कलेक्टर ने लिया जायजा, किसानों से की चर्चा-’
इस दौरान कलेक्टर ने विकासखण्ड सोनहत के ग्राम कैलाशपुर में सूखा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने खेतों में उतरकर किसानों से सूखे तथा फसलों की स्थिति पर चर्चा की। किसानों ने बताया कि इस वर्ष वर्षा कम होने से फसल प्रभावित हुआ है, तालाब एवं नहर के जरिए सिंचाई की जा रही है। कलेक्टर ने किसानों से धान के बदले अन्य फसल लेने पर चर्चा की। इस पर उपसंचालक कृषि ने बताया कि तीसी, अलसी या बड़ी सरसों अच्छा विकल्प हो सकता ळें