नाबालिगो से भी कराया जा रहा कार्य
बलौदाबाजार – जनपद पंचायत बलौदाबाजार क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत भालुकोना में तीन अवैध ईंट भट्ठा संचालित किए जा रहे हैं। वहीं ईंट भट्ठा से निकलने वाले धुआं व राख से राहगीरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर गर्मी के दिनों में सड़क किनारे बनाए गए ईंट भट्ठा से निकलने वाली तपती आग व उड़ता धुंआ राहगीरों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। खनिज विभाग, राजस्व विभाग व पर्यावरण विभाग को जानकारी होने के बावजूद ईंट भट्ठा संचालको पर कार्रवाई न होना ग्रामीणों के समझ से परे है। वहीं अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठों के संचालकों द्वारा ग्रामीणों व राहगीरों की शिकायत पर किसी भी प्रकार कार्रवाई नहीं होने के चलते उनके हौसले बुलंद तो है ही साथ ही राहगीरों द्वारा ईंट भट्ठों से निकलने वाली राख व धुंआ के संबंध में बातचीत करने पर राहगीरों को कुम्हार जाति को छूट का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेते है।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय से 23 किमी दूर भालुकोना मेन रोड पर स्थित कुम्हार जाति होने का फायदा उठाते हुए लाखों ईंटों का संग्रहण कर ग्राहकों को बेचा जा रहा है। यहां यह बताना लाजमी है कि केन्द्र सरकार द्वारा लाल ईंटों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। कुम्हार जाति के साथ अन्य जाति के लोग भी लाल ईंटों का निर्माण नहीं कर सकते। इसके बावजूद कुम्हार जाति के लोग कुम्हार होने का फायदा उठाते हुए अवैध रूप से ईंट भट्ठा संचालित कर रहे हैं। कुम्हार जाति के लोग स्वयं मकान बनाने के लिए लगभग 50 हजार ईंट का निर्माण कर सकते हैं किन्तु यहां कुम्हार होने का फायदा उठाते हुए सीजन में लाखों का ईंट बनाकर बेचते हैं। वहीं इनको देखकर रसूखदार लोग भी अवैध कारोबार से मोटी कमाई करने में जुट गए हैं।
कुम्हारों को केवल 50 हजार ईंट बनाने की छूट- कुम्हार जाति को भी लाल ईंट बनाने की छूट नहीं है। जानकारी के अनुसार इनको मिट्टी से बने सामग्री गमला, मटकियां, दाए, खपरैल, आदि बनाने की छूट दी गई है। ईंट बनाने के नियम को कुम्हार जाति वर्ग के लिए शिथिल किया गया है। ऐसे वर्ग के लिए 50 हजार तक ईंट बनाने के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। किन्तु इनकी आड़ में कुम्हार जाति के लोग लाखों ईंट बनाकर व्यवसाय करना शुरू कर दिया है।
उड़ती डस्ट बना राहगीरों के गले का फांस
ग्रामीणों का कहना है की सड़क किनारे बनाये गए अवैध ईंट भट्टा से निकलने वाली राख से शाम के वक्त उड़ती डस्ट से राहगीरों के लिए गले का फांस बनता है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि आंख में राख पड़ जाने से 10-15 दिनों तक आंसु बहने व जलन काफी तकलीफ दायक रहती है।
नाबालिगो से कराया जा रहा है कार्य
नाबालिगों से मजदूरी कराना प्रतिबंधित है। कोई भी व्यक्ति ईंट भट्ठा या अन्य जगहों पर मजदूरी के जोखिम भरे काम 18 साल से कम उम्र के बच्चों से नहीं करा सकता। इसके बाद भी बालश्रम कराया जा रहा है। ईंट भट्ठा में ईंट ढ़ोने का काम नाबालिगों से करा रहे हैं। इसके एवज में 130 रुपये मजदुरी भी दी जा रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार के ऊपर कारवाई नहीं होती है।
क्या कहते है ईंट भट्ठा संचालक
“मेरे पास किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं है, मैं अपनी इच्छा से ईंट बना रहा हूँ। “
शिवम प्रजापति, ईंट भट्ठा संचालक भालुकोना
” ईंट भट्ठा संचालको को ग्राम पंचायत द्वारा किसी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। यंहा तीन अवैध भट्ठा संचालित है। “
मनाराम पटेल, सरपंच प्रतिनिधि
ग्राम पंचायत भालुकोना
आपके माध्यम से जानकारी मिला है जांच कर कार्रवाई करवाता हूं।
बलराम तम्बोली तहसीलदार
तहसील कार्यालय लवन
अभी मैं काम से मंत्रालय आया हूँ, बाद में बात करूंगा
एम चंद्रशेखर,
जिला खनिज अधिकारी बलौदाबाजार