रायपुर/तिल्दा 10 अगस्त 2022 ।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, खैरखुट में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया। इस दौरान 50 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इसमें ब्लड प्रेशर, वजन, शुगर, और एचआईवी की जांच के अलावा आयरन एवं कैल्शियम दवाओं का वितरण भी किया गया।
इस दिवस का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य पर सही ध्यान देना है और सुरक्षित, और संस्थागत प्रसव करवा के माँ और बच्चे को सुरक्षित करवाना भी है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस के बारे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, खैरखुट की प्रभारी डॉ.पूनम सिंह ने बताया: ‘’प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन हर माह की 9 तारीख और 24 तारीख को किया जाता है । प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लगभग 26,000 की आबादी को कवर करता है। इस केंद्र के क्षेत्र के अधीन चार उप स्वास्थ्य केंद्र आते है । इस दिन सभी गर्भवती महिलाएं अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच अवश्य करवाएं। इस दिवस पर विशेष कर दूसरे और तीसरे माह गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। गर्भवतियों का हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी ब्लड प्रेशर समेत अनेक जांचें और स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा निशुल्क परीक्षण भी किया जाता है। साथ ही संस्थागत प्रसव के फायदे बताकर उन्हें संस्थागत प्रसव करवाने के लिए प्रेरित किया जाता है ।‘’
दूसरी बार प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) कराने आई प्रियंका चौहान बताती है: ‘’यहां पर नियमित रूप से जांच होती है । मुझे सी टी स्कैन करने के लिए कहा गया था जो यहां से निशुल्क करवाया गया । गर्भधारण के पश्चात मेरा टीकाकरण भी किया गया । जच्चा बच्चा कार्ड बनाया गया । साथ ही नियमित रूप से मितानिन द्वारा भी मेरा फॉलोअप किया जाता है । इस माह एएनसी जांच कराने आने वाली गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के फायदे के बारे में भी बताया गया साथ ही उन्हें पोषण आहार का वितरण भी किया गया । ‘’
विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती ममता सुनानी ने बताया: “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का उद्देश्य 9 माह के गर्भावस्था में नियमित रूप से चार जांचे करवाने का है । पहली जांच गर्भधारण से 3 माह के बीच दूसरी जांच 4 माह से 6 माह के मध्य, तीसरी जांच 7 माह से 9 माह के बीच में अवश्य कराएं । चौथी जांच प्रसव पूर्व की जाती है । इस जांच का मुख्य उद्देश्य गर्भ में पल रहे शिशु की बेहतर देखभाल और संस्थागत प्रसव के साथ-साथ उच्च जोखिम वाले नवजात की निगरानी करना भी है ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके ।‘’
उन्होंने आगे बताया नवजात शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), कुल प्रजनन दर (टीएफआर) जैसे में तुलना में तेजी से गिरावट आएगी। ‘’
उन्होंने बताया मातृ वंदना योजना जननी सुरक्षा योजना आदि का लाभ लेने के लिए गर्भवतियों को जीरो बैलेंस खाता खोलने के लिए भी बताया जाता है, और खाता खोलने में मदद भी की जाती है जिससे गर्भवतियों को योजनाओं के तहत मिलने वाली राशि सीधे उनके खाते तक जाए। गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये की वित्तीय सहायता – 31 दिसंबर 2016 को महिलाओं के लिए नई योजनाओं की घोषणा की गई थी, इस योजना के तहत 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता गर्भवती महिलाओं के बैंक खाते में जमा की जाती है। ’’
पोषण आहार के प्रति किया गया जाता है जागरूक
प्रत्येक माह के 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। इसमें गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित जांच होती है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव तक स्वस्थ रहने के तरीकों के बारे में बताया जाता है। गर्भवती महिलाओं को गुड़, अंकुरित चना, दाल, आदि खाने के लिए प्रेरित भी किया जाता है ताकि जरूरी पोषक तत्व मिल सके।