रायपुर 26 अगस्त ।
संसद की लोक लेखा समिति ने आज अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा का दौरा किया। समिति के विधानसभा परिसर पहुंचने पर संसद की लोक लेखा समिति के मान. सभापति एवं मान. सदस्यों का पुष्प गुच्छ भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया। संसद की लोक लेखा समिति की छत्तीसगढ़ विधान सभा की लोक लेखा समिति के साथ संयुक्त बैठक हुई। इस अवसर पर संसद की लोक लेखा समिति के सभापति अधीर रंजन चैधरी, सदस्य भर्तृहरि मेहताब, जगदम्बिका पाल, प्रताप चंद्र सारंगी, सत्यपाल सिंह, शक्ति सिंह गोहली, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, छत्तीसगढ विधानसभा की लोक लेेखा समिति के सभापति अजय चंद्राकर, सदस्य, सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू, भुनेश्वर शोभाराम बघेल, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, शिवरतन शर्मां, दिनेश पाटिल, महालेखाकार, आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव संसदीय कार्य विभाग विधान सभा सचिवालय के अपर सचिव आर.के.अग्रवाल एवं सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. चरण दास महंत ने कनाडा में आयोजित 65 वें राष्ट्रकुल सम्मेलन में सम्मिलित होने के कारण अपनी अनुपस्थिति पर अपने संदेश में कहा कि-छत्तीगसढ़ विधान सभा ने अल्प समय में ही नये संसदीय आयामों को स्पर्श किया है। गर्भगृह में प्रवेश पर स्वमेव निलंबन का नियम छत्तीसगढ़ की प्रथम विधान सभा से लागू है, जिसकी संसद के दोनो सदनों में सराहना हुई है। छत्तीसगढ़ विधान सभा को ‘‘अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन’’ एवं ‘‘राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन’’ के एशिया इंडिया रीजन को आयोजित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद एवं श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने भी छत्तीसगढ़ की विधान सभा को संबोधित किया है। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मनोहर जोशी, सोमनाथ चटर्जी, श्रीमती मीरा कुमार एवं श्रीमती सुमित्रा महाजन भी छत्तीसगढ़ विधान सभा के विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए हैं।
इस अवसर पर संसद की लोक लेखा समिति के सभापति अधीर रंजन चैधरी ने बताया कि-हर तीन माह में संसद की लोक लेखा समिति की बैठक किसी न किसी राज्य में होती है जहां समिति के सदस्य सम्मिलित होते हैं। इस समिति का काम सरकारी खर्चों के खातों की जांच करना है। जांच का आधार नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट होती है। लोक लेखा समिति की रिपोर्ट में सिफारिशें होती है जो तकनीकी रूप से सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होती है, लेकिन उन्हें गंभीरता से लिया जाता है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा की लोक लेखा समिति के सभापति अजय चन्द्रकार ने कहा कि-संसद की लोक लेखा समिति के साथ संयुक्त बैठक में हुई चर्चा काफी लाभदायक रही। छत्तीसगढ़ की लोक लेखा समिति ने भी कोरोना काल में अधिक से अधिक बैठकें करके प्रतिवेदन सभा में प्रस्तुत किये जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भी इस तरह की संयुक्त बैठकों से समितियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और इसके सुखद परिणाम परिलक्षित होंगे।
समिति के सदस्यो ने विधान सभा परिसर में सदन हाॅल का भी अवलोकन किया।
इस अवसर पर संसद की लोक लेखा समिति के सभापति एवं सदस्यों को शाल, श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
विधान सभा उपाध्यक्ष, मनोज सिंह मंडावी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
नेता प्रतिपक्ष नारायण प्रसाद चंदेल ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।