रेफेरल और स्पेशलिस्ट ऑन कॉल व्यवस्था को सुधारने के सख्त निर्देश
कोरिया,कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न
50 इंडिकेटर समीक्षा सहित नेशनल डिवॉर्मिंग डे एवं शिशु संरक्षण माह के डिस्ट्रिक टास्क फोर्स के विभिन्न एजेंडा पर चर्चा
आधुनिक समय के व्यस्त जनजीवन में तनाव और अवसाद से ग्रस्त लोगों की मदद करने के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रकार की थेरेपी की जाती है जिससे उन्हें राहत मिल सके। कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक में विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विशेष पहल करते हुए नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि सभी विकासखंडों में शिविर आयोजित करें। लोगों को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य और इसकी थेरेपी के बारे में जागरूक करें।
कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत 50 इंडिकेटर समीक्षा एवं नेशनल डिवॉर्मिंग डे(एनडीडी) एवं शिशु संरक्षण माह(एसएसएम) के डिस्ट्रिक टास्क फोर्स के विभिन्न एजेंडा पर चर्चा की गई। बैठक में कलेक्टर ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि जिला चिकित्सालय में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। हर पैरामीटर को गंभीरता से लें। उन्होंने बेहतर परफॉर्मेंस ना करने वाले विकासखंडों के खंड चिकित्सा अधिकारियों सुधार के कड़े निर्देश दिए।
रेफेरल और स्पेशलिस्ट ऑन कॉल व्यवस्था को सुधारें
बैठक में कलेक्टर ने मरीजों के रेफेरल की व्यवस्था को सुधारने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेफेरल के समय और एम्बुलेंस मिलने की जानकारी संधारित कर रिपोर्ट आगामी बैठक में प्रस्तुत करें। इसी तरह सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक को स्पेशलिस्ट ऑन कॉल की सुविधा को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
हर माह की 9 और 24 तारीख को मातृ-शिशु देखभाल के तहत अल्ट्रा सोनोग्राफी की सुविधा निःशुल्क निजी चिकित्सालयों में भी
कलेक्टर ने निर्धारित दिनों में निःशुल्क एएनसी करने वाले निजी चिकित्सालयों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया जिससे लोगों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी संधारित की जा सके।
कलेक्टर श्री शर्मा ने बैठक में सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं की एएनसी नियमित होना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क प्रेगनेंसी में चिन्हांकित महिलाओं से यथासंभव स्वयं मिले और उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिए बेहतर डाइट, संस्थागत प्रसव, हाइजीन आदि की जानकारी दें।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री कुणाल दुदावत, सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा, सभी खंड चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी उपस्थित रहे।