मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने निभाया अपना वादा
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और सक्ती भी जिले बने
हफ्तेभर में 05 नये जिले, पौने चार वर्षों में 06
85 नयी तहसीलें, अनेक अनुविभाग और उपतहसीलों का भी हो चुका है गठन
रायपुर, 9 सितंबर 2022/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आज 9 सितंबर को किए गए दो नये जिलों के शुभारंभ के साथ ही छत्तीसगढ़ में जिलों की कुल संख्या 33 हो गई है। श्री बघेल ने आज मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर तथा सक्ती जिलों का शुभारंभ किया। बीते पौने चार वर्षों के दौरान 06 नये जिले, 85 नयी तहसीलें, अनेक अनुविभाग तथा उपतहसीलों का गठन किया जा चुका है।
राज्य में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ‘सहज प्रशासन-सरल जीवन‘ की नीति पर चलते हुए प्रशासनिक कामकाज और प्रक्रियाओं के सरलीकरण का वादा किया था। इसी क्रम में उन्होंने वर्षों से लंबित विभिन्न जिलों की मांगों को भी पूरा करने का वादा लोगों से किया था। 10 फरवरी 2020 को उन्होंने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के गठन के साथ इस वादे को पूरा करने की शुरुआत की। इसके बाद 15 अगस्त 2021 को उन्होंने 05 और नये जिलों के गठन की घोषणा की थी। बीते 02 सितंबर को इनमें से मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले का सबसे पहले शुभारंभ उन्होंने किया। दूसरे दिन 03 सितंबर को सारंगढ़-बिलाईगढ़ तथा खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नये जिले बने और जिलों की संख्या 31 तक जा पहुंची। हफ्तेभर के भीतर आज 09 सितंबर को उन्होंने मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर तथा सक्ती जिलों के गठन का वादा भी पूरा कर दिया।
नये जिलों के गठन के दौरान वहां के लोगों ने जबर्दस्त उत्साह प्रकट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारे बरसों पुराने सपनों को साकार कर दिया है। अब हमारे क्षेत्र में भी तेजी से विकास हो पाएगा। व्यापार, व्यवसाय और रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी होगी। प्रशासन तक लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी, इससे योजनाओं का लाभ भी तेजी से मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब शासकीय कामकाज के लिए उन्हें दूर नहीं जाना पड़ेगा, पास में ही सभी जिला शासकीय कार्यालय होने से स्थानीय स्तर पर ही काम हो जाएंगे। इससे समय और धन की बचत होगी। पर्यटन महत्व के स्थानीय स्थलों को नयी पहचान मिलेगी और पर्यटन-उद्योग का विकास हो सकेगा।
जिलों के शुभारंभ के दौरान स्थानीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। इस दौरान मुख्यमंत्री को फलों, मेवों, मिठान्नों, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों, लघु वनोपजों से तौल कर नागरिकों ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।