बचपन की आदतों से ही भविष्य का निर्माण होता है – टंक राम वर्मा

अर्जुनी- समीपस्थ ग्राम बिलाड़ी में पांच दिवसीय रामायण का आयोजन ग्रामवासियों के द्वारा किया गया l अंतिम दिवस पर आयोजकों के द्वारा महाआरती का कार्यक्रम रखा गया,जिसमे अतिथि के रुप में श्रीराम गिडलानी कांग्रेसी नेता, टंक राम वर्मा समाजसेवी एवं उपाध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर, सुनील सोनी, छन्ना वर्मा, सोना यदु सरपंच एवं शत्रुहन यदु सरपंच मोहगांव आमंत्रित थे। महाआरती के पश्चात श्रोताओ को संबोधित करते हुए समाजसेवी टंक राम वर्मा ने कहा कि हर बच्चों में कोई ना कोई प्रतिभा छिपी रहती है उसे निखारने की आवश्यकता होती है। बच्चे आगे भविष्य में क्या बनेंगे यह उनके बचपन की आदतों पर निर्भर करता है। शास्त्र कहता है कि 5 वर्ष तक बच्चों को खूब प्रेम करना चाहिए और 5 से 15 वर्ष के बीच प्बच्चों को प्रेम के साथ साथ अनुशासन भी रखना चाहिए। यदि बच्चा कुछ गलत करता है तो तुरंत उसे मना करना चाहिए ना मानने पर डांटना चाहिए। उनके छोटे-मोटे गलती को अनदेखा करेंगे तो धीरे-धीरे वहीं उनकी आदत बन जाएगा। इन्ही आदतों से उनका भविष्य का निर्माण होता है।समाजसेवी टंक राम वर्मा ने घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि एक युवक को चोरी के अपराध में अदालत ने सजा सुनाई जाती है। जज अंतिम बार युवक से पूछता है कि क्या तुम अपने सफाई में कुछ कहना चाहते हो l युवक ने कहा कि जज साहब मेरे साथ मेरी मां को भी सजा दिया जाए। जज साहब चौक गया और पूछा कि चोरी तुमने किया है फिर तुम्हारी मां को सजा क्यों ? युवक ने कहा जब साहब ,जब मैं बहुत छोटा था मुझे अच्छा बुरा का ज्ञान नहीं था। एक दिन मै स्कूल से अपने सहपाठी का पेंसिल घर ले आया, मां ने देखा लेकिन कुछ नहीं कहा। थोड़ी दिन के बाद मैं दूसरे सहपाठी का कॉपी ले आया, मां ने देखा कुछ नहीं कहा। धीरे धीरे मैं दूसरे के सामान को चोरी करने की मेरी आदत बन गई और आज मैं बहुत बड़ा चोर बन गया। जिस दिन पहली बार मैं अपने सहपाठी का पेंसिल चोरी करके लाया था उस दिन मां मुझे डांटती और एक तमाचा लगाती ,कहती कि चोरी करना बुरी बात है तो आज मैं चोर नहीं बनता। एक अच्छा आदमी बनता। आज जो कुछ भी हूं, मां के कारण हूं। इसलिए मेरे साथ मेरी मां को भी सजा मिलना चाहिए। कार्यक्रम को श्रीराम गिडलानी कांग्रेस नेता ने भी संबोधित किया। अवसर पर सोना यदु सरपंच, श्रवण यदु, छेदी राम यदु, पंकज यदु, मुकेश वर्मा, चुन्नी वर्मा, दुर्योधन यदु, अश्वनी यदु (सचिव), संतोष निषाद, राजा शर्मा (पूर्व सरपंच), शत्रुहन चौबे, गीता यदु (पंच), रानी यदु (पंच) सहित समस्त ग्रामवासी उपस्थित थे

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