जन संस्कृति मंच का 16वां राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

रायपुर 10 अक्टूबर।

जन संस्कृति मंच का 16वां राष्ट्रीय सम्मेलन: रविभूषण अध्यक्ष और मनोज सिंह महासचिव चुने गए

जाने माने कवि लाल्टू, मदन कश्यप, वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति, गुजरात के साहित्यकार भरत मेहता, प्रसिद्ध चित्रकार अशोक भौमिक, चर्चित रंगकर्मी जहूर आलम और रामजी राय को उपाध्यक्ष बने
रायपुर। फासीवाद के खिलाफ देश की सांस्कृतिक शक्तियों को एकजुट करने के संकल्प के साथ जन संस्कृति मंच का दो दिवसीय 16वां राष्ट्रीय सम्मेलन 9 अक्टूबर को सम्पन्न हुआ। सम्मेलन के आखिरी दिन प्रतिनिधियों ने 141 सदस्यीय राष्ट्रीय परिषद और 37 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव किया। प्रसिद्ध हिन्दी आलोचक रविभूषण जन संस्कृति मंच के नए अध्यक्ष चुने गए। पत्रकार और संस्कृतिकर्मी मनोज कुमार सिंह दुबारा महासचिव चुने गए।

प्रतिनिधियों द्वारा चुने गए परिषद ने जाने माने कवि लाल्टू, मदन कश्यप, वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति, गुजरात के साहित्यकार भरत मेहता, प्रसिद्ध चित्रकार अशोक भौमिक, चर्चित रंगकर्मी जहूर आलम और रामजी राय को उपाध्यक्ष चुना।

जन संस्कृति मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इन पदाधिकारियों के अलावा संजय जोशी, प्रणय कृष्ण, कौशल किशोर, जितेन्द्र कुमार, आशुतोष कुमार, संतोष झा, समता राय, अनिल अंशुमन, दीपक सिन्हा, सुरेन्द्र प्रसाद सुमन, मृत्युंजय, दुर्गा सिंह, रामनरेश राम, डीपी सोनी, सुधीर सुमन, जेवियर कुजूर, बलभद्र, अनुपम सिंह, हिमांशु पंड्या, उमा राग, रामायन राम, कैलाश वनवासी, प्रेमशंकर सिंह, आनंद बहादुर, सियाराम शर्मा, अवधेश त्रिपाठी और दीपक सिंह सर्वसम्मत से चुने गए। कार्यकारिणी में एक जगह रिक्त रखी गयी है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी को यह अधिकार दिया गया कि बाद में वह कार्यकारिणी के लिए एक और सदस्य को चुने।

सम्मेलन के दूसरे दिन सांगठनिक सत्र में महासचिव की रिपोर्ट, राज्यों व निकायों की रिपोर्ट पर प्रतिनिधियों ने चर्चा की और उसे पारित किया।

सांस्कृतिक सत्र में प्रसिद्ध कवि देवी प्रसाद मिश्र, लाल्टू, पंकज चतुर्वेदी, जहूर आलम, देव शुक्ल, बलभद्र, आनंद बहादुर, घनश्याम त्रिपाठी, कमलेश्वर साहू, राजेश कमल, अनुपम सिंह,मुकुल सरल, प्रियदर्शन मालवीय, शंभू बादल, वासुकी प्रसाद उन्मत, विनोद सिंह ने कविता पाठ किया। इसी सत्र में बेगूसराय की रंगनायक द लेफट थियेटर ने भीष्म साहनी की कहानी अमृतसर आ गया है पर आधारित नाटक का मंचन किया। नाटक का निर्देशन दीपक सिन्हा ने किया। मंच पर एकल पात्र को विजय कृष्ण ने जीवंत किया। रायपुर के द इंडियन रोलर बैंड की शानदार प्रस्तुति के साथ सम्मेलन को समापन हुआ।

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