रायपुर 15 अक्टूबर । दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में चल रहे आर्ट, लिटरेचर एंड फिल्म फेस्टिवल में 15 अक्टूबर की सुबह ठीक 10 बजे देश के प्रसिद्ध श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी के जीवन संघर्षों पर निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म लाल जोहार दिखाई जाएगी.
गौरतलब है कि इस फिल्म का निर्माण व निर्देशन अपना मोर्चा डॉट कॉम के पत्रकार राजकुमार सोनी ने किया है. लगभग 45 मिनट की यह डाक्यूमेंट्री पूरे समय दर्शकों को बांधकर रखती हैं. फिल्म में नियोगी के आंदोलन से जुड़ी पृष्ठभूमि को बेहद सरल और कलात्मक ढंग से समझाया गया है.फिल्म में नियोगी की हत्या के बाद उपजे सवाल मन को बेचैन और उद्वेलित करते हैं.जो लोग भी शंकर गुहा नियोगी के कामकाज को जानते-समझते हैं उनके लिए यह फिल्म एक दस्तावेज की तरह हैं. पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए भी यह फिल्म इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि फिल्म में विचार के साथ अच्छी-खासी डिटेल मौजूद है.
पिछले साल 28 सितंबर को जब नियोगी की शहादत को 30 साल पूरे हुए थे तब यह फिल्म जारी की गई थीं. इस फिल्म का प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के अनेक गांवों में किसान और मजदूरों के बीच किया जा चुका है. छत्तीसगढ़ में जहां-जहां भी शंकर गुहा नियोगी का आधार क्षेत्र है वहां-वहां अब भी यह फिल्म दिखाई जा रही है.
इस फिल्म के बारे में सोनी का कहना है कि – पूंजीपति चाहे कितने ही ताकतवर क्यों न हो जाय खेत-खलिहानों में सोना उगाने वाले किसानों और कल-कारखानों-खदानों में पसीना बहाने वाले मजदूरों के दिलों से शंकर गुहा नियोगी के कामकाज और उनकी स्मृति को कभी मिटा नहीं पाएंगे. लालच के लंबे हाथ रखने वाले सौदागरों के बीच यह भ्रम हमेशा कायम रहने वाला है कि सब कुछ समाप्त हो गया है,लेकिन शंकर गुहा नियोगीज् एक व्यक्ति नहीं विचार थे. यह साफ है कि विचार की मौत कभी नहीं होती.दुनिया के बहुत सारे जल्लादों ने समय-असमय इतिहास और विचारधारा को फांसी देने की साजिश रची हैं, लेकिन इतिहास ने तानाशाहों और जल्लादों को ही कूड़ेदान का हिस्सा बना दिया है.
फिल्म में भिलाई के रंगकर्मी जय प्रकाश नायर, सुलेमान खान, अप्पला स्वामी, संतोष बंजारा, शंकर राव, राजेंद्र पेठे के अलावा राजहरा के कलाकार कुलदीप नोन्हारे, ईश्वर, गांधीराम और किशन ने काम किया है. बैकग्राउंड म्यूजिक पुष्पेंद्र साहू ने दिया है. फिल्म में कैमरे व सहायक निर्देशन की जिम्मेदारी तत्पुरुष सोनी ने संभाली है.फिल्म की शूटिंग दल्ली राजहरा व भिलाई में की गई हैं.