रायपुर प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए सेन समाज के संरक्षक श्री गौरी शंकर श्रीवास ने कहा प्रदेश के अति पिछड़ा समाज जो मुख्य रूप से पौनी पसारी से जुड़े हुए है उनकी आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है राज्य सरकार ने पिछले चार साल से उनकी अनदेखी की है छोटे छोटे समाज के गठित बोर्ड तक से सेन तथा अन्य समाज को वंचित रखा गया जो कि अनुचित है। अपने श्रम तथा स्वाभिमान से समाज की सेवा करने वाले अति पिछड़ा समाज आज भी राज्य सरकार का मुँह ताक रहा है पूरे कोरोना काल में समाज को किसी भी तरह से सरकार द्वारा मदद नही की गयी जिसके चलते समाज के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है दूरस्थ ग्राम अंचल में आज भी सेन समाज के लोग दाने दाने को मोहताज है इसलिए राज्य सरकार समाज को एक राहत पैकेज प्रदान करे सामाजिक रूप से जो अधिकार केस शिल्प बोर्ड के माध्यम से समाज को मिलना चाहिए था उसे चार साल से लटका कर समाज को गुमराह किया गया इसी तरह अस्तित्व में आने के बावजूद धोबी समाज तथा लुहार समाज के बोर्ड में नियुक्ति नही की गयी ये सरकार के अति पिछड़ा विरोधी होने का परिचायक है समाज इसकी निंदा करते हुए कांग्रेस की सरकार के ख़िलाफ़ जल्द प्रस्ताव पारित करेगी। इस दौरान ज़िला अध्यक्ष सेन समाज डॉक्टर मनोज ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना के तहत जो लाभ समाज को मिलना चाहिए था वो भी अब तक अप्राप्त है जिसके चलते समाज में रोष व्याप्त है ज़ेवर प्रथा को लेकर सरकार जल्द कोई नियमावली निर्धारित कर अतिशीघ्र केस शिल्प बोर्ड का गठन कर हमारा अधिकार हमें दे। वार्ता में ज़िला अध्यक्ष मनोज ठाकुर उपाध्यक्ष आशुतोष श्रीवास, नारद सेन, कमल शांडिल्य, दिनेश सेन, समेत प्रदेश पदाधिकारी शरीक हुए।