रायपुर। राज्य गीत ,अरपा पैरी के धार के साथ तीन दिवसीय राज्योत्सव 2022 का शुभारंभ हो चुका है। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप प्रज्वलित कर एवं आदिवासी नगाड़ा बजाकर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आगाज किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास है।
दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है।
आदिम नृत्य की यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आई है, इस तरह से हम आज यहां पहुंचे हैं।
समय के बदलाव के साथ जीवन के तौर तरीके में बदलाव आया है।
इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की परंपरा को बचाए रखने और पूरी दुनिया की आदिम संस्कृति आगे बढ़ाने और उनका संवर्धन करने से है।
प्रकृति पर पूरी मनुष्यता का एक जैसा अधिकार हो, सभी प्रकृति का संरक्षण करें।
विकास की गलत अवधारणा के कारण आज प्रकृति ही खतरे में पड़ गयी है।
छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश है। राज्य के आंदोलन में जिन मूल्यों को लेकर आंदोलन हुआ, हमारी सरकार उस सोच को लेकर आगे बढ़ रही है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित हैं। मंत्री अमरजीत भगत और तमरद्वज साहू द्वारा सीएम और विधानसभा अध्यक्ष को जनजातीय समूह का प्रतीक चिह्न मांदर भेंट किया गया। मंच पर हरियाणा के मुख्य सचिव भी उपस्थित रहे।
इस आयोजन में राजधानी ही नहीं आस-पास के गांवों के लोग भी भरी संख्या में पहुंच रहे हैं। देश विदेश से आए सभी कलाकारों ने परेड किया जिसमे मिस्र , इंडोनेशिया, मालदीव, मोजांबिक, मंगोलिया, न्यूजीलैंड, रूस, रवांडा, सर्बिया, टोगो, आंध्र प्रदेश, मिजोरम सहित देश के अलग-अलग राज्य से आई टीम ने भी आपने परिधान और नृत्य की प्रस्तुति देते हुए मार्च पास्ट किया।