पोषण साहू, सहायक जनसंपर्क अधिकारी
रायपुर,लोग उम्मीद और विश्वास से मुख्यमंत्री की तरफ टकटकी लगाए देख रहे है। मुख्यमंत्री से बातचीत मे इतनी ऊर्जा है कि लोग एक ही जगह पर दो घण्टे से बैठकर भी खुद को तरो-ताज़ा महसूस करते हैं। गाँव की महिलाएं हो, बुजुर्ग हो, युवा हो ,किसान हो सभी अपनी बात कहने को इस कदर आतुर रहते हैं कि बिना माइक के भी जोरदार तरीक़े से अपनी बात कह देते हैं।
बातचीत का दौर शुरू होता है। योजनाओ की समीक्षा होती है, बारी-बारी से अपनी बात, योजनाओं की बात, विकास की बात, सुख-दुख की बात जुबां पर आ जाती है। लोग उत्साह के साथ अपनी बात साफ़गोई से करते हैं। मुख्यमंत्री भी पूरी गंभीरता व तन्मयता से लोगों की बात सुनते हैं और समाधान निकलते हैं। मंगलवार को गोपालपुर बसना विधानसभा में एक महिला ने अपनी समस्या रखते हुए वन अधिकार पत्र मैं आ रही दिक्कतों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने तत्काल इसकी जरूरत को समझते हुए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करने के लिए सरपंच को मंच से ही निर्देशित किये। इसी तरह एक बालिका ने अपने स्कूल की दो स्थानांतरित शिक्षिकाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने छात्रा की अपने शिक्षिकाओं के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान को देखते हुए ट्रांसफर को रोकने के निर्देश दिए। इसी तरह भेंट मुलाकात कार्यक्रमों में लोग अपनी बातों और समस्याओं को खुलकर रखते हैं।
पिरदा भेंट मुलाकात कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री श्री बघेल लोगों से उनकी समस्याओं से संबंधित आवेदन लेने खुद पहुंचे तो आठ वर्षीय दृष्टिबाधित बालक हिमांशु पसायत के लिए उसके पिता ने मुख्यमंत्री से मदद मांगी। ग्राम-जगत के निवासी हिमांशु के पिता प्रमोद पसायत की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, वे मजदूरी करते हैं, बेटे का इलाज कराना चाहते हैं।
मंगलवार को ही बसना के पिरदा में पता चला कि नन्हें हिमांशु की आंखों में रोशनी नहीं है मगर उसके कंठ से सुरीले स्वर फूटते हैं। वह तीन भाषाओं हिंदी, छत्तीसगढ़ी और उड़िया में सुमधुर गायन करता है। हिमांशु पांच वर्ष की आयु से संगीतमयी प्रस्तुति देता है। मुख्यमंत्री ने हिमांशु के पिता की गुहार सुनी और हिमांशु की हर संभव सहायता के लिए आश्वस्त किया।
बुधवार को खल्लारी के एम के बाहरा में एक दिव्यांग ने बताया कि वे अपनी दोनों आंखों को भालू के हमले में खो चुके हैं। अब उन्हें इलाज के लिए सहायता की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए इलाज के लिए 2 लाख रुपये देने की घोषणा की। ऐसे ही कई प्रकरण है, जिन्हें भेंट मुलाकात के मंच पर समाधान होते देखा जा सकता है।
यहीं एक दिव्यांग नईम मोहम्मद खान ने अपनी घुटनो के इलाज के लिए गुहार लगाई तो मुख्यमंत्री ने 2 लाख रुपए देने की घोषणा की। आम जनता अपनी उम्मीदों और भरोसे के साथ भेंट- मुलाकात कार्यक्रम में आते हैं और हंसते-मुस्कुराते हुए उसी भरोसे के साथ लौट जाते हैं । वास्तव में भेंट- मुलाकात जनता के साथ सुख-दुख साझा करने का सार्थक मंच बन गया है, जो अब भी जारी है।
ज्ञातव्य है कि इन दिनों मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकत कार्यक्रम के तहत लोगों से सीधे बात कर रहे हैं। उनके साथ सुख -ख की बातें साझा करते हुए योजनाओं की जानकारी भी ले रहें हैं।