मनरेगा के कार्यस्थल में महिला मेट आने से बढ़ने लगा है महिला श्रमिकों का रोजगार प्रतिषत


राज्य कार्यालय के निर्देष पर यहां 1 हजार से ज्यादा महिला मेट कर रही हैं श्रमिकांे का प्रबंधन

बैकुण्ठपुर/एमसीबी दिनांक 3/1/23 – कोरिया जिला पंचायत की पांचों जनपद पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वर्तमान में सत्रह सौ से ज्यादा रोजगारमूलक कार्य चल रहे हैं। इनमें लगभग 11 सौ से ज्यादा महिला मेट कार्यस्थलों पर मनरेगा के श्रमिकों का प्रबंधन कर रही हैं। इससे कोरिया जिले में बीते साल की अपेक्षा इस वर्ष कार्यस्थलांे पर महिला श्रमिकों की उपस्थिति का प्रतिषत तेजी से बढ़ रहा है। गत वर्ष के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ नजर आता है कि जितनी महिलाओं ने साल भर में मनरेगा के अंतर्गत अकुषल रोजगार प्राप्त किया था उससे कहीं अधिक महिलाएं दिसम्बर माह तक ही मनरेगा के कार्यस्थलों पर आकर रोजगार प्राप्त कर चुकी हैं। इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीइओ श्रीमती नम्रता जैन ने बताया कि कोरिया एंव एमसीबी जिले को मिलाकर पांच जनपद पंचायतांे में कुल दो लाख 23 हजार से ज्यादा श्रमिक पंजीकृत जाबकार्डधारी हैं। मनरेगा के कार्यस्थल पर रोजगार के लिए आने वाले 1 लाख 99 हजार 101 श्रमिक ही महात्मा गांधी नरेगा के तहत सक्रिय अकुषल श्रमिक बतौर पंजीकृत हैं। इन सक्रिय श्रमिकों में 95 हजार 548 महिला श्रमिक शामिल भी है। पांचों जनपद पंचायतों को मिलाकर मनरेगा के तहत चल रहे 1 हजार 718 कार्य स्थलों पर वर्तमान में लगभग 50 हजार श्रमिक प्रतिदिवस रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इनमें पचास प्रतिशत श्रमिकों के रूप में पंजीकृत महिलाएं कार्यस्थलों पर आकर अपने लिए अकुशल रोजगार प्राप्त कर रही हैं। महिलाओं को ही मेट के तौर पर कार्यस्थलों का प्रबंधन देने से सकारात्मक परिणाम दिख रहे है, जिससे कार्यस्थल पर महिला श्रमिकों की उपस्थिति के यह आंकडे़ निरंतर बढ़ रहे हैं।  
     महात्मा गांधी नरेगा के तहत चल रहे अकुषल श्रमकार्यों में महिलाओं के बढ़ते प्रतिषत पर विस्तार से जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीइओ श्रीमती नम्रता जैन ने बताया कि कोरिया एवं एमसीबी जिले में गत वित्तीय वर्ष में सक्रिय महिला श्रमिकों के कार्य प्रतिषत पर नजर डालें तो पता चलता हैं कि गत वर्ष की तुलना में अब तक महिलाओं को चार प्रतिषत ज्यादा रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है। यह परिवर्तन महिला मेटांे के अधिकतम नियोजन के कारण आ रहा है। पहले मनरेगा के कार्यस्थल पर महिला मेटों का प्रतिषत 50 हुआ करता था जो राज्य के निर्देषों के बाद बढ़कर लगभग 75 प्रतिषत से ज्यादा हो चुका है और आने वाले वित्तीय वर्ष तक इसे षत-प्रतिषत करने का प्रयास किया जा रहा है। महिला मेटांे के प्रबंधन का परिणाम है कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की उपस्थिति भी बढ़ गई है। जिला पंचायत सीइओ ने आगे बताया कि बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत पंजीकृत 18 हजार 978 सक्रिय महिला श्रमिकों ने बीते वित्तीय साल में 42 प्रतिषत रोजगार दिवस अर्जित किए थे जबकि इस वर्ष अब तक 50 प्रतिषत से ज्यादा मानव दिवस महिलाओं ने अर्जित कर लिया है। यह आठ प्रतिषत से ज्यादा है और अभी तीन माह का समय भी बचा हुआ है। इसी तरह भरतपुर में पूरे साल में महिला मानव दिवस का प्रतिषत 48 रहा जबकि दिसंबर समाप्त होते तक ही भरतपुर में अर्जित मानव दिवस में महिलाओं का प्रतिषत लगभग 50 पहंुच रहा है। इसी तरह खड़गंवा में बीते साल के कुल 41 प्रतिषत महिला मानव दिवस से तीन प्रतिषत ज्यादा 45 प्रतिषत, मनेन्द्रगढ़ में बीते साल के 46 प्रतिषत की जगह अब तक 50 प्रतिषत से ज्यादा और सोनहत में गत वित्तीय वर्ष में किए गए कुल महिला मानव दिवस के 44 प्रतिषत के काफी आगे बढ़कर लगभग 51 प्रतिषत महिला मानव दिवस को अर्जित किया जा चुका है। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि व्यापक प्रचार प्रसार के साथ महिला मेटों के नियोजन से आया हुआ यह काफी सकारात्मक परिणाम है और इस वित्तीय वर्ष के तीन माह पूरे होने बाद यह और भी बेहतर होने की उम्मीद है।

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