रायपुर 4 जन.
छत्तीसगढ़ विधान सभा परिसर में ‘‘उत्कृष्टता अलंकरण समारोह‘‘ राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उईके के मुख्य आतिथ्य में एक गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वर्ष 2021 के लिए ’’उत्कृष्ट विधायक’’ ‘‘उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार‘‘ एवं ‘‘उत्कृष्ट इलेक्ट्रानिक मीडिया रिपोर्टर एवं कैमरामेन’’ को मान. राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके ने शाल श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत ने की । कार्यक्रम में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में विधान सभा उपाध्यक्ष संत राम नेताम एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत उपस्थित थे । इस अवसर पर मंत्रिमंडल के मान. सदस्य, संसदीय सचिव, विधायकगण, निगम मंडल के अध्यक्ष, विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा, आमंत्रित जन एवं मीडिया कर्मी उपस्थित थे
इस समारोह में पंचम विधान सभा में वर्ष-2021 के लिए ‘‘उत्कृष्ट विधायक‘‘ के रूप में चयनित पक्ष से संतराम नेताम को सम्मानित किया गया । ‘‘उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार‘‘ के लिए यशवन्त धोटे, दैनिक नवप्रदेश एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में ‘‘उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार पुरस्कार’’ के लिए हिन्दी खबर के संवाददाता जुल्फिकार अली एवं कैमरामेन शशिकांत वर्मा को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र की काष्ठ कृति से सम्मानित किया गया
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधान सभा के वर्ष 2023 के कैलेण्डर एवं दैनंदिनी (डायरी) का मंचासीन अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके ने कहा कि-छत्तीसगढ़ विधान सभा में संसदीय दायित्वों को परिमार्जित करने के उद्देश्य से ‘‘उत्कृष्ट विधायक‘‘ एवं ’’उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार‘‘ को सम्मानित करने का यह कार्य अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं । उन्होने कहा कि-विधान सभा राज्य की सबसे बड़ी जनप्रतिनिधि सभा है । यह एक
ऐसा पवित्र सदन है, जहां से राज्य के विकास का रास्ता सुनिश्चित होता है। उन्होने कहा कि-छत्तीसगढ़ विधान सभा ने राज्य के विकास और नागरिकों के हित के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर आपसी सद्भाव की आधारशिला रखी है । उन्हांेने कहा कि छत्तीसगढ़ विधान सभा ने जिन उच्च संसदीय परम्पराओं को स्थापित किया है, उन परम्पराओं का अनुसरण देश की अन्य विधान मंडलों को भी करना चाहिए । उन्होंने कहा कि-चूंकि हमारे देश ने लोकतांत्रिक परम्पराओं को पाला और उसका परिमार्जन भी किया है, इसलिए सभा के संचालन में पक्ष के साथ-साथ प्रतिपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है । उन्होने म. प्र. विधान सभा में 1985 में उन्हें ‘‘जागरूक विधायक’’ के रूप में सम्मानित करने का भी उल्लेख किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधान सभा में ई-बजट पेश करने एवं पेपर लेस करने की ओर बढ़ने की सराहना की।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत ने कहा कि-छत्तीसगढ़ की विधान सभा ने अपने गठन के साथ ही नई संसदीय परम्पराओं को स्थापित किया है । छत्तीसगढ़ विधान सभा ने अपने कार्यकरण से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संसदीय परिदृश्य में जो स्थान प्राप्त किया है वह एक आदर्श है तथा इसका पूरा श्रेय हमारे विधायी निकाय के सभी विधायकों को जाता है । विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. महंत ने कहा कि-पक्ष एवं प्रतिपक्ष के सदस्यों ने विभिन्न विषयों पर मत वैभिन्य के होते हुये भी सभा में अपने विचारों के माध्यम से शासन को मार्गदर्शन दिया और फलस्वरूप शासन व्यवस्था को न केवल सुदृढ़ किया, अपितु कई सुधारात्मक और जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने में भी अपनी भूमिका निभायी। मान. सदस्यों ने दलीय प्रतिबद्धताओं से ऊपर जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिये इस सदन को लोक-कल्याण के केन्द्र का पर्याय बना दिया है ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्कृष्ट विधायकों एवं उत्कृष्ट संसदीय पत्रकार पुरस्कार से सम्मानितों को बधाई देते हुए कहा कि-जिन विधायकों को यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है उनके दायित्व सभा के प्रति और बढ़ गये है । ये उत्कृष्ट विधायक हमेशा सदन में सक्रिय रहे एवं जनसमस्याओं के मुद्दों को प्रमुखता से सभा में उठाया । सामान्य कार्यकर्ता एवं जनप्रतिनिधि से प्रारंभ कर सदन में अपनी उत्कृष्टता साबित करना निश्चित ही सराहनीय है और इससे हमारे युवा विधायकों को सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि-पुरस्कृत पत्रकारों ने भी सभा की कार्यवाही की रिपोर्टिंग में उत्कृष्ट संसदीय परम्पराओं का पालन करते हुए अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी है ।
कार्यक्रम में विधान सभा अध्यक्ष डाॅ. चरणदास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं मंचासीन अतिथियों ने राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया ।
इस अवसर पर लोक कलाकार दीपक चन्द्राकर द्वारा निर्देशित लोक रंग, अर्जुन्दा के लोक कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी।
विधान सभा के सचिव दिनेश शर्मा ने स्वागत भाषण दिया ।
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया ।