तो क्या अब संसद में विपक्षी पार्टियां अगर हंगामा करती हैं, सदन के वेल में पहुंच कर नारेबाजी करती हैं और सदन की कार्यवाही बाधित करती हैं तो उसे नहीं दिखाया जाएगा? लोकसभा स्पीकर की बातों से तो ऐसा ही लग रहा है। स्पीकर ने मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस सांसदों के हंगामे के दौरान उनको ब्लैकआउट कर दिया। जब सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस बारे में पूछा तो स्पीकर ने कहा कि वे क्या चाहते हैं कि संसद का हंगामा सारे देश को दिखाया जाए। ध्यान रहे अभी कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से सांसद अलग अलग बैठ रहे हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए कार्यवाही से जुड़ रहे हैं। ऐसे में उन्हें ब्लैकआउट करना ज्यादा आसान है।
बहरहाल, सांसद तो पहले भी हंगामा करते थे, सदन के वेल में पहुंच जाते थे, कागज उछालते थे, प्लेकार्ड दिखाते थे, नारेबाजी करते थे और सदन से वाकआउट करते थे। लेकिन तब तो सब कुछ लाइव प्रसारित होता था। दोनों सदनों के लिए अलग अलग टेलीविजन चैनल थे, जिन पर कार्यवाही का सीधा प्रसारण होता था। एक तो अब दोनों सदनों के चैनलों को मिला कर एक चैनल कर दिया गया है। अब यह पता ही नहीं है कि एक चैनल पर दोनों सदनों की लाइव कार्यवाही कैसे दिखाई जाएगी। एक चैनल होने से भी विपक्ष के हंगामे को ब्लैकआउट करना बहुत आसान हो जाएगा। एक तो संसद के दोनों सदनों की बैठकें लगातार कम होती जा रही हैं। संसदीय समितियों की भूमिका भी घटती जा रही है और अब विपक्ष के शोर-शराबा करके जरूरी मुद्दे उठाने को भी ब्लैकआउट किया गया तो संसदीय कार्यवाही का क्या मतलब रहेगा?