राज्यों में कोविड-19 टीकाकरण जितनी तेजी से होगा उतनी ही इसके बचाव में हम सफल होंगे- विकास उपाध्याय

शहरों में लोग ज़्यादा सचेत हैं और टीकाकरण अभियान को लेकर जागरूक हैं। जबकि ग्रामीण अंचलों में ऐसा नहीं है। इस अंतर को कम करना होगा।

रायपुर।संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा,राज्यों में टीकाकरण जितनी तेजी से होगा उतनी इसके बचाव में हम सफल होंगे। विकास उपाध्याय ने इस बात पर जोर देकर कहा, ग्रामीण और शहरी ज़िलों का टीकाकरण का अंतर जितना कम होगा, वो रोज़ाना के बढ़ते मामलों से निपटने में राज्यों की उतनी ही मदद करेगा।

विकास उपाध्याय ने आज कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कहा, इसके बचाव के लिए आवश्यक सावधानी के साथ टीकाकरण में तेजी लाने की जरूरत है।उन्होंने सरकारी आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया 14 मार्च तक भारत में कोविड-19 वैक्सीन की 2.9 करोड़ से ज़्यादा डोज़ लगाई गई। जिनमें से 18 प्रतिशत को दूसरी डोज़ दी जा चुकी है,ऐसे में औसतन यह आँकड़ा मान लीजिए कि भारत में 100 लोग रहते हैं, तो उस हिसाब से उनमें से अब तक 2.04 को वैक्सीन मिली है।ये 2.04 डोज़ भी उन लोगों को मिली है, जो स्वास्थ्य कर्मी/फ्रंटलाइन वर्कर हैं या गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 साल से ज़्यादा उम्र वाले और 60 साल से अधिक उम्र वाले लोग हैं, जो अपेक्षा से बहुत कम है। इसमें तेजी लाने की जरूरत है।

विकास उपाध्याय ने आगे कहा,टीकाकरण के बाद नए पॉज़िटिव मामलों में स्वास्थ्य कर्मियों का प्रतिशत काफ़ी कम हुआ है। बीते महीनों के मुक़ाबले ये काफी कम है। उन्होंने कहा, टीकाकरण का असर को यदि समझना हो तो ऐसे भी समझा जा सकता है, अगर आने वाले महीनों में रोज़ के नए मामलों में बुजुर्ग लोगों की संख्या में गिरावट जारी रहती है और रोज़ अस्पताल में भर्ती होने वालों में युवा लोग ज़्यादा होते हैं तो हम सोच सकते हैं कि वैक्सीन नए मामलों में कमी लाने में मदद कर रही है और प्रथम दृष्टया ऐसा लग भी रहा है। विकास उपाध्याय का तर्क है कि भले ही राज्यों में हाल के दिनों में मामले बढ़े हैं, लेकिन वैक्सीन नए मामलों में कमी लाने में मदद कर रही है।

विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ में अचानक से कोरोना के बढ़ते प्रकरणों की एक वजह यह भी बताया है कि शहरों में लोग ज़्यादा सचेत हैं और टीकाकरण अभियान को लेकर जागरूक हैं और वैक्सीन लगवाने के लिए ज़्यादा रजिस्टर कर रहे हैं। जबकि ग्रामीण अंचलों में ऐसा नहीं है और क्रिकेट देखने को लेकर जिस तरह से स्टेडियम में लापरवाही बरती जा रही है लोग कोरोना के बचाव को लेकर आवश्यक चीजों का पालन नहीं कर रहे हैं, उससे छत्तीसगढ़ में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने अगाह करते हुए कहा, अब भी इसको लेकर सतर्क नहीं हुए तो वायरस का फैलाव घनी आबादी वाले शहरों से आगे बढ़कर छोटे ग्रामीण ज़िलों में भी पाँव पसार लेगा तब इसे काबू कर पाना मुश्किल होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *