रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा ने पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के खिलाफ साजिश रचकर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब कोई सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के खिलाफ तानाशाही पर उतर आए, उसे कुचलकर रख देने पर आमादा हो तो तय है कि बुझने के पहले उसका दिया भभक रहा है। छत्तीसगढ़ में अघोषित आपातकाल तो उसी दिन से लगा हुआ है, जिस दिन से भूपेश बघेल भ्रष्टाचार की कमाई से कांग्रेस के फंड मैनेजर बने हैं। ईडी इनके राज में हुई जन धन की लूट का पता लगा रही है, इनके चहेते अफसरों, नेताओं, कारोबारियों के यहां से खजाना निकल रहा है, जो पत्रकार इन काली करतूतों को प्रकाश में ला रहे हैं, उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। यह कैसी सरकार है, जो पत्रकार सुरक्षा कानून का झुनझुना थमाती है और दूसरी तरफ अपने ही कार्यकर्ताओं से झूठी शिकायत दर्ज करवाकर पत्रकारों को फंसाती है।
प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हद तो यह है कि रायगढ़ में रामायण महोत्सव के उद्घाटन समारोह के दौरान रक प्रशिक्षु आईपीएस ने एक पत्रकार को बुरी तरह अपमानित किया। उन्हें थप्पड़ मारने धमकाया। छत्तीसगढ़ में यह कैसा पत्रकार सुरक्षा कानून है? कांग्रेस सरकार के दो तरह के दांत हैं। खाने के दांत वो हैं, जिनसे गरीबों का आवास खा गए, गरीब का राशन खा गए, कोयले की दलाली खा गए, नदियों की रेत खा गए, गौमाता का चारा खा गए और दिखावे का दांत है पत्रकार सुरक्षा कानून। पत्रकारों को दिखा रहे हैं कि आपकी सुरक्षा के लिए कानून बना दिया और खुद ही पत्रकारों के खिलाफ साजिश कर उसे प्रताड़ित कर रहे हैं तो यह कानून किस काम का है?
प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आर्गेनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट उजागर हो जाने और लुटेरी मंडली के लोगों की दनादन गिरफ्तारी से भूपेश बघेल हिल गए हैं। उन्हें आभास हो गया है कि मुहूर्त आने वाला है। जिसे जिस जगह होना चाहिए, वह उस जगह जाने वाला है। इसलिए उनकी बौखलाहट उस मीडिया पर उतर रही है, जो छत्तीसगढ़ की जनता के हक में इस सरकार को बेनकाब कर रहा है।