पूर्व की रमन सरकार नक्सलियों की पोषक रही
रायपुर/24 मार्च 2021। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व के रमन भाजपा सरकार नक्सलवाद की पोषक रही। यही वजह है कि 15 साल के शासनकाल में दक्षिण बस्तर के चार विकासखण्ड तक सीमित नक्सलवाद 14 जिलों तक पहुँच गया। नक्सलवाद खात्मे के रमन भाजपा ने सकारात्मक प्रयास नही किया। नक्सलवाद को लेकर भाजपा नेता हमेशा पाजीटिव बयानबाजी करते रहे। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मोदी जी ने नक्सलियों को ‘‘अपने लोग’’ बताये थे। मुख्यमंत्री रहते डॉ रमन सिंह नक्सलियों को माटी के सच्चा सपूत बताये और भटके हुए बताये। रमन सिंह के सांसद पुत्र अभिषेक सिंह नक्सलियों को शहीद बताये। रमन सरकार के दौरान नक्सलवाद खात्मे के लिए आये विशेष सलाहकर केपीएस गिल को वेतन लेने और मौज करने की सलाह दिया गया। भाजपा अब नक्सलवाद को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। पूर्व के रमन सरकार के शासनकाल में नक्सलवाद को लेकर हुई लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैया के चलते बीते 15 साल में सैकड़ों जवानों की शहादत हुई, सैकड़ों की संख्या में आम जनता की हत्या हुई, झीरम घाटी जैसे राजनीतिक षड्यंत्र हत्याकांड हुए कांग्रेस ने अपने प्रथम पंक्तियों के नेताओं को खोया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व की रमन भाजपा सरकार ने नक्सलवाद की आड़ में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का काला खेल खेला। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य अवरूद्ध रहे। जनता मूलभूत की समस्याओं से पीड़ित रही है, नक्सलवाद के चलते सैकड़ों गांवों खाली हो गये, नक्सलवाद के भय से लोग पलायन करने लगे, स्कूलें बंद हो गये थे, खेत खलिहान छोड़कर लोग शिविर में रहने मजबूर थे।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति के तहत काम कर रही है। नक्सलवाद को खत्म करने गोली का जवाब गोली से दिया जा रहा है।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार, सुरक्षा, बिजली, सड़क, पानी की सुविधाएं पहुँचा रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जनता बुद्धिजीवी वर्ग डॉक्टर, युवा, व्यापारियों, महिलाओं, से संवाद स्थापित कर नक्सल खत्म करने ठोस रणनीति बनाई जा रही है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार दो साल में नक्सल खात्मे के लिए कड़े कदम उठाये है इसका ही परिणाम है कि बीते ढाई साल में नक्सली मामलों में काफी कमी आई है जवानों की शहादत में कमी आई।नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे है। घर वापसी अभियान चलाए जा रहे है। मोस्ट वांटेड ईनामी नक्सली पकड़े जा रहे है। जारे जा रहे है।