रायपुर : जल जीवन मिशन संचालक श्री एस. प्रकाश की अध्यक्षता में राजधानी स्थित नीर भवन में आज केन्द्रीय टीम के साथ बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य में संचालित जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा हुई। बैठक के दौरान केन्द्रीय टीम के सदस्यों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कार्य मिशन मोड पर चल रहा है, कुछ ही दिनों में इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के कार्यों की सराहना दिल्ली से आयी केन्द्रीय टीम ने की है। छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों को पेयजल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए किए जा रहे जल जीवन मिशन के कार्यों की मैदानी स्थिति का जायजा लिया। केन्द्रीय टीम ने 23 से 26 मार्च तक रायपुर, दुर्ग और महासमुंद जिले का भ्रमण किया और जल जीवन मिशन के कार्यों का निरीक्षण कर ग्रामीणों से रू-ब-रू हुए। उल्लेखनीय है कि छह सदस्यीय केन्द्रीय टीम ने 23 मार्च से 26 मार्च तक रायपुर, दुर्ग और महासमुंद जिले का भ्रमण कर जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्यों का निरीक्षण किया।
बैठक के दौरान श्री मनोज गुप्ता वरिष्ठ ढांचा विशेषज्ञ ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यों पर टीम के निष्कर्ष को रखा। उन्होंने बताया कि सोलर आधारित जल प्रदाय योजना से ग्रामीणों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सोलर पंप से टंकी में जलापूर्ति के लिए समय निर्धारित करना और टंकी के ओव्हर फ्लो से व्यर्थ होने वाले जल को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। सुश्री स्पूर्थी कोलीपका, पेयजल सलाहकार ने बताया कि दुर्ग जिले की महिला स्व-सहायता समूहों में अत्याधिक जागरूकता है। इन समूहों को पानी समिति से जोड़ने की आवश्यकता है। ग्रामीण ढांचा विशेषज्ञ श्री एकलव्य मिश्रा ने जिले में स्थापित फ्लोराइड रिमूव्हल प्लांट के कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। केन्द्रीय टीम के सभी सदस्य जिलों में संचालित विलेज एक्शन प्लान, डिस्ट्रीक्ट एक्शन प्लान और एनएबीएल से भी संतुष्ट हुए।
इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी प्रमुख अभियंता श्री टी.जी. कोसरिया, रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता, रायपुर, दुर्ग और महासमुंद के कार्यपालन अभियंता सहित सुश्री श्वेता पटनायक यूनीसेफ उपस्थित थी।