अमित शाह बतायें आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर क्यों नहीं हो रहा?
अमित शाह के दबाव के कारण राजभवन में अटका आरक्षण बिल – कांग्रेस
रायपुर/28 सितंबर 2023। चुनाव में आरक्षण बिल सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होगा कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच लेकर जायेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह बतायें आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल हस्ताक्षर क्यों नहीं कर रहे है? आरक्षण विधेयक को भाजपा ने राजभवन में रोकवा कर रखा हुआ है। यह भाजपा का गरीब विरोधी, आदिवासी विरोधी, पिछड़ा वर्ग विरोधी, अनुसूचित जाति विरोधी कदम है। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने राज्य के सभी वर्ग के लोगो के हितों में ध्यान रख कर आरक्षण विधेयक बनाया है और सभी जाति वर्ग की उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लोगों को आरक्षण देने का श्रेय न मिले इसी राजनैतिक विद्वेष के कारण भारतीय जनता पार्टी राज्यपाल से हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि जो आरक्षण विधेयक राजभवन में अटका हुआ है उसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार अमित शाह हैं। राज्यपाल, केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में ही काम करते हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे दुर्भावनावश इसलिए रोक कर रखा है ताकि आरक्षण का लाभ प्रदेश की जनता को ना मिल सके और राजनैतिक लाभ भूपेश सरकार को ना मिल सके। भाजपा को यह डर सता रहा है कि यदि भूपेश सरकार में 76 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया तो ओबीसी, एसटी, एससी और ईडब्ल्यूएस को आरक्षण का अधिकार मिल जाएगा और उसके बाद भाजपा चुनाव में 14 सीट बचाने की स्थिति में भी नहीं रहेगी। विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हो चुके आरक्षण विधेयक को राजभवन में निरुद्ध करवाकर शाह छत्तीसगढ़ के सर्वसमाज का हित बाधित कर रहे है। शाह बिल्कुल भी नहीं चाहते कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं और जनता को उनका अधिकार मिले। भाजपा और शाह छत्तीसगढ़ के युवाओं को उनके अधिकारों से वंचित और दर-दर भटकते देखना चाहते हैं। भाजपा का आरक्षण विरोधी चरित्र कांग्रेस चुनावी मुद्दा बनायेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा आदिवासी समाज से बदला लेने के लिये आरक्षण बिल को राजभवन में रोकवा कर रखी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी सीटों पर भाजपा की पराजय हुई थी। आदिवासी समाज ने भाजपा को नकार दिया था इसलिये भाजपा आदिवासी समाज के आरक्षण में बाधा उत्पन्न कर रही है। कांग्रेस सरकार ने आदिवासी समाज सहित सभी समाजों के लिये 76 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पारित करवाया है। कांग्रेस सरकार को इसका श्रेय न मिले इसलिये भाजपा विधेयक रोकवा कर स्तरहीन राजनीति कर रही लेकिन भाजपा की हकीकत जनता के सामने आ गयी है। आरक्षण संशोधन विधेयक पर कांग्रेस भाजपा के षड़यंत्र को कांग्रेस चुनाव में जनता के बीच ले जायेगी। भाजपा के दबाव के कारण ही राजभवन में आरक्षण संशोधन विधेयक रूका है। यह विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक है। विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित है। इस विधेयक में राज्य के सभी वर्गो के हितों का ख्याल रखा गया है। कांग्रेस सरकार को आरक्षण लागू करने का श्रेय न मिले इसलिये भाजपाई आरक्षण संशोधन विधेयक को राजभवन में रोकवाये रखना चाहते है।