मोदी राज में भुखमरी, बेरोजगारी, असमानता, महंगाई और गरीबी का डंका बज रहा

हंगर इंडेक्स में शर्मनाक स्थिति, बांग्लादेश, नेपाल और लंका से पीछे, 125 देशों की सूची में 111 वें स्थान पर

भूपेश सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों से विगत 56 महीनों में छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं

रायपुर 13 अक्टूबर 2023। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में मोदी सरकार में देश की रैंकिंग में लगातार हो रही गिरावट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि यह दुःखद और बेहद शर्मनाक स्थिति है। दुनिया में डंका बजने का दवा करने वाले भारतीय जनता पार्टी के शुतुरमुर्गीय नेता और केंद्र की मोदी सरकार को यह बताना चाहिए की “ग्लोबल हंगर इंडेक्स” में आज इतनी खराब स्थिति कैसे हो गई? क्यों लगातर पिछड़ रहे हैं? ऐतिहासिक रूप से भारत सबसे गंभीर दौर से क्यों गुजर रहा है? पाकिस्तान की तुलना करते-करते आज देश को भूखमरी के मामले में उससे भी खराब स्थिति में पहुंचा दिया है। हालिया जारी आंकड़ों के अनुसार भुखमरी के मामले में नेपाल 69, श्रीलंका 60, बांग्लादेश 81, और पाकिस्तान 102 वें स्थान पर है, और विष गुरु की उपलब्धि उन सबसे पीछे 111 वे स्थान पर। मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीति और अदानी प्रेम के चलते देश की अर्थव्यवस्था गर्त पर पहुंचा दी गई है। गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और बदहाली लगातार बढ़ रही है। केवल अपने चंद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे के लिए मोदी सरकार की योजनाएं संचालित है। गरीब और गरीब हो रहा है और कुछ पूंजीपति मित्र की संपत्तियां दिन दुनी और रात चौगुनी हो रही है। मोदी सरकार के आंकड़ों में ही देश की लगभग 60 प्रतिशत अबादी गरीबी रेखा के नीचे है। इन्हीं के आंकड़ों में ही देश के 140 करोड़ आबादी में से 81 करोड़ से अधिक गरीबी रेखा से नीचे पहुंचा दिए गए हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्ष प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि एक तरफ जन विरोधी भाजपा की नीतियां हैं, 15 साल रमन की वादाखिलाफ विगत 9 साल से केंद्र की मोदी सरकार की नाकामी और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में भूपेश पर भरोसे की सरकार है जिन्होंने आम जनता की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि के कीर्तिमान स्थापित किया है। यह वही छत्तीसगढ़ है जिसकी पहचान रमन राज में कुपोषण, एनीमिया, मलेरिया से होने वाली मौत और नक्सलगढ़ के रूप में होती थी। केंद्र सरकार के नीति आयोग के रिपोर्ट में यह स्वीकार किया है कि विगत 56 महीना के दौरान भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ के 40 लाख लोग गरीबी रेखा के दायरे से बाहर आए हैं। कृषि, उत्पादन और सेवा अर्थव्यवस्था के इन तीनों सेक्टर में छत्तीसगढ़ का औसत भूपेश सरकार के दौरान केंद्र से बेहतर हुआ है। ना प्रदेश में कोई नया कर लगाया गया है और नहीं विगत 3 वर्षों से कोई नया कर्ज बल्कि रमन राज के दौरान लिए गए कर्ज का ब्याज भी पता है और मूलधन की भी वापसी हो रही है। छत्तीसगढ़ के समृद्ध किसान, छत्तीसगढ़ के गौपालक, छत्तीसगढ़ के वनोंपज संग्राहक, रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने वाले युवा, छत्तीसगढ़ की महिलाएं, निजी क्षेत्र और सार्वजनिक उपक्रमों के नौकरी पेसा लोग, सरकारी कर्मचारी, व्यापारी सहित कोई भी कोई भी ऐसा नहीं है जिन तक भूपेश सरकार की योजनाएं न पहुंची हो। भूपेश सरकार ने सुशासन और समृद्धि का प्रतिमान स्थापित किया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता देश मे दिनोदिन बढ़ती गरीबी, भूखमरी, बदहाल होती अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी पर कब बात करेंगे?

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