रायपुर – कठघोरा में धर्मसेना के बैनर तले सामाजिक प्रमुख के सम्मान समारोह में 101 परिवारों की गंगा जल से पांव पखारकर घर वापसी करवाने के पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन के दौरान प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने धर्मांतरण रूपी बीमारी का सर्व सुलभ ईलाज “घारवापसी” को बतलाया।उनका मानना है जिस दिन हिंदू समाज जाग जायेगा उसी दिन धर्मांतरण छू मंतर हो जायेगा।अपनी चिंता को साझा करते हुए उन्होंने कहा हिंदू समाज की कुंभकर्णी निद्रा धर्मांतरण का मुख्य कारण है।हम अपने लोगों तक सनातन संस्कृति की सुगंध नहीं पहुंचा पा रहे हैं।समाज प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाज के मुखिया की जिम्मेवारी बहुत ही महत्वपूर्ण है वे सनातन संस्कृति के चौकीदार हैं उनकी सजगता समाज के बिखराव को रोक सकती है समाज प्रमुखों के प्रति उन्होंने अपनी कृतज्ञता भी व्यक्त की।उन्होंने हिंदू युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने पूर्वजों के विरासत की अहमियत समझें और आगे आ कर उसकी रक्षा करें।धर्मांतरण में लिप्त लोगों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि अब भी वक्त है सम्हल जाओ वरना हम तुम्हारा वो हश्र करेंगे कि तुम्हारी सात पुश्तें याद रखेंगी।
उन्होंने कहा कोरबा क्षेत्र धर्मांतरण की आग मे झुलस रहा हैं l घर वापसी अभियान में तेजी लाकर हम क्षेत्र को सुरक्षित करेंगे और विधर्मियों को चेतावनी देते हुए उन्हों सचेत हो जाओ वरना भुगतोगे।
कटघोरा मे धर्म सेना, विश्व हिंदू परिषद, आर्य समाज, श्रीराम सेना, गायत्री परिवार एवं अन्य समाजिक संगठनों के तत्वाधान में पूजा-अर्चना एवं यज्ञ के उपरांत 101 मतांतरित
परिवारों की प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने चरण को धोकर घर वापसी कराई ।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से
कौशलेंद्र सिंह ,रामा श्रेय पांडेय, आचार्य राकेश, विष्णु पटेल, कपिल शास्त्री, आत्मा नारायण पटेल, सुरेंद्र बहादुर सिंह,राम दयाल उइके एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे ।