रायपुर 27 दिसम्बर. पूर्व में जब छत्तीसगढ राज्य में भाजपा की सरकार थी, तब शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के समस्त मंदिरों की कृषि भूमि से उत्पादित धान को शासन द्वारा ख़रीदा जाता था । साथ ही पूर्ण बोनस भी प्रदान किया जाता था । जिससे राज्य मठ-मंदिरों की कृषि उपज से सहजता से उत्पन्न मिलता था। साथ ही आपत्कालीन स्थिति में शासन द्वारा सहायता भी मिलती थी | परन्तु पिछली कांग्रेस की सरकार में मंदिरों की कृषि उपज की खरीदारी एवं बोनस का वितरण बंद कर दिया गया था। जिस कारण कई मंदिर आर्थिक संकट से जूझ रहे है | यह मंदिरोंकी कृषि उपज सरकार द्वारा पुनः खरीदी जाए इस मांग को लेकर प्रदेश के हिंदुत्वनिष्ठ संगठन, मंदिर विश्वस्त, साधू-संतो ने मिलकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा इन्हे ज्ञापन दिया | इस समय मिशन सनातन के मदनमोहन उपाध्याय, नीलकंठ सेवा संस्थान के पंडित नीलकंठ त्रिपाठी, अ. भा. संत समिति छत्तीसगढ़ के महंत सर्वेश्वरदास एवं महंत नारेंद्रदास, बजरंग दल के अंकित द्विवेदी, हिन्दू जनजागृति समिति के हेमंत कानस्कर एवं प्रतिक रिझवानी आदि उपस्थित थे |
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ज्ञापन स्वीकार कर इस विषय पर योग्य कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। साथ ही जिन मंदिर, मठ आदि का पंजीकरण किया गया है, वह इस योजना का लाभ ले सकेंगे, अतः पंजीकरण करवाए ऐसा कहा | इस विषय को लेकर सम्बंधित विभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर को भी उन्होंने सूचित किया |
इस समय उन्होंने ‘हलाल प्रमाणित उत्पादों’ पर बंदी के विषय में सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी | और जल्द ही हलाल उत्पादोंपर राज्य में बंदी लाकर इस विषय की जानकारी गृहमंत्री भारत सरकार अमित शाह को भी भेजेंगे ऐसा कहा |