निकाय कर्मचारियों को 3 महीने बाद मिलेगी सैलरी

कैबिनेट मंत्री के प्रयास पर संचालक ने आवंटित की राशि

नगरीय निकायों में कार्यरत रेगुलर और प्लेसमेंट कर्मचारियों को 3 महीने बाद वेतन संकट से राहत मिली है। क्षेत्रीय विधायक और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रयास से संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग छत्तीसगढ़ के द्वारा निकायों को कर्मचारियों के वेतन के लिए राशि जारी कर दी गई है। दरअसल पिछले लगभग 3 महीने से नगर पालिका निगम चिरमिरी और नगर पालिका परिषद मनेंद्रगढ़ के कर्मचारी वेतन संकट से जूझ रहे थे। निकाय में कार्यरत रेगुलर और प्लेसमेंट कर्मचारियों को पिछले तीन माह से सैलरी नहीं मिली तो कर्मचारी लोगों से उधार लेकर अपना गुजारा कर रहे थे। कुछ कर्मचारियों के साथ स्थिति ये बन गई थी कि राशन दुकान और दूसरी जगह से मदद मिलनी बंद हो गई। जिसके कारण घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया था। परेशानियों को देखते हुए कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग छत्तीसगढ़ को कर्मचारियों की परेशानी से अवगत करा मासिक चुंगी क्षतिपूर्ति से समायोजन के शर्त पर स्वीकृत ऋण राशि का आवंटन कराया। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त संचालक द्वारा जारी किए गए पत्र में नगर पालिका निगम चिरमिरी को सितंबर से दिसंबर तक के लिए दो करोड़ 70 लाख 64 000 रुपए की राशि जारी की गई है तो वहीं नगर पालिका परिषद मनेंद्रगढ़ को अक्टूबर से दिसंबर तक के लिए 89.58 लख रुपए की राशि मिली है। निकायों के लिए स्वीकृत राशि के आवंटन के बाद कर्मचारियों को 3 महीने के वेतन का भुगतान होने की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की है।

300 से ज्यादा कर्मचारियों को हर महीने 90 लाख का भुगतान

नगर निगम चिरमिरी से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम में कार्यरत नियमित और प्लेसमेंट कर्मचारियों के साथ ही जन प्रतिनिधियों को वेतन देने के लिए महीने के लगभग 90 लख रुपए की आवश्यकता होती है। कर्मचारियों की संख्या 300 से भी ज्यादा है। इसमें नगर पालिका निगम चिरमिरी में कार्यरत सभी प्लेसमेंट कर्मचारियों के लिए 28 लाख सभी जनप्रतिनिधियों के लिए 7 लाख और सभी रेगुलर कर्मचारियों को 55 लाख रुपए वेतन के तौर पर देना होता है। वर्तमान समय में निगम चिरमिरी और नगर पालिका परिषद मनेंद्रगढ़ में राजस्व वसूली सही तरीके से नहीं होने के कारण वेतन संकट की समस्या निर्मित हुई है।

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