रायपुर, 16 नवंबर 2024 : छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने प्रदेश के स्कूलों में राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण के मद्देजर स्कूलों की दक्षता बढ़ाने के लिए गंभीरता के साथ तैयारी करने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि आगामी माह के 4 दिसम्बर को कक्षा 3री, 6वीं और 9वीं के विद्यार्थियों की दक्षता को राष्ट्रीय सर्वेक्षण होना है। इसके तहत केन्द्रीय स्कूल शिक्षा मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्कूलों में विद्यार्थियों की दक्षता का परीक्षण किया जाएगा।
शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने विभागीय अधिकारियों को राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण को ध्यान में रखते हुए हर स्तर पर व्यापक प्रशासनिक, प्रबंधकीय व अकादमिक तैयारी प्रारंभ करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण-2024 के आकलन कार्य के सभी जिलों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन को सुनिश्चित कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक तथा प्राचार्य डाइट को संयुक्त रूप से नोडल अधिकारी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य के 99 जिला स्तरीय अधिकारी जिले में परख क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं 146 विकासखंडों में बीईओ, बीआरसीसी तथा संकुल प्राचार्य को संयुक्त जिम्मेदारी सौंपते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
शिक्षा सचिव श्री परदेशी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत देश भर में एक साथ होने जा रहे इस सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठचर्या रूपरेखा 2023 के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त वैश्विक मूल्यांकन विकसित करना है। उल्लेखनीय है कि केंद्र शासन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है। इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में नवीन शिक्षा नीति के लक्ष्यों के अनुरूप कक्षा 3री, 6वीं और 9वीं में आधार भूत प्रारंभिक एवं मध्य चरणों के अंत में छात्रों की दक्षता का आकलन किया जा रहा है। यह सर्वेक्षण छत्तीसगढ़ के मात्र छात्र-छात्रों का नहीं बल्कि, शिक्षक, स्कूल तथा संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का मूल्याँकन सिद्ध होगा, जिसके आधार पर भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सहित अन्य सभी राज्यों की शैक्षणिक गुणवत्ता का श्रेणी निर्धारण भी होगा ।
उन्होंने बताया कि परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कक्षा 3री के लिए भाषा, गणित एवं हमारे आसपास की दुनिया से 90 मिनट में 45 प्रश्न पूछे जाएँगे। कक्षा 6वीं के लिए उक्त विषयों से संबंधित 51 प्रश्न 90 मिनट में पूछे जाएँगे। कक्षा 9वीं में भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न 120 मिनट पर हल करने होंगे। परीक्षार्थियों को एक ही प्रश्न पत्र दिया जायेगा। परख मूल्याँकन माइनस मार्किंग नहीं होगी। केंद्र सरकार के नियमानुसार जिस माध्यम की शाला चयनित की गई, उस माध्यम की प्रथम भाषा पर सर्वे अर्थात् प्रश्नपत्र होगा । यदि अंग्रेजी माध्यम की कई शाला सेम्पल शाला के रूप में चयनित की जाती हैं, तो वहाँ अंग्रेजी भाषा में आकलन परीक्षा निर्धारित होगी ।
राज्य में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के लिए सेंपल शालाओं के रूप में जिले की शासकीय सहित राज्य शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं, गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों को सीधे भारत शासन, स्कूल शिक्षा वि नई दिल्ली द्वारा चयनित व निर्धारण किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 33 जिलों में कुल 3420 को चुना गया है। इस मूल्याँकन सर्वेक्षण या परीक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मूल्याँकन कार्य की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय या अशासकीय किसी भी शिक्षक को परीक्षक या पर्यवेक्षक के रूप में कार्य में नियुक्त नहीं किया जायेगा, बल्कि परीक्षा का मूलभूत कार्य राज्य के शासकीय डाइट कालेज में छात्राध्यापक या प्रशिक्षु शिक्षक अर्थात् अध्यनरत डीएलएड, बीएड एवं एमएड के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संपन्न कराया जायेगा ।
विशेष परिस्थिति में शासकीय कॉलेज के विद्यार्थी, अशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं के डीएलएड, बीएड, एमएड प्रशिक्षणार्थियों को लिया जा सकेगा। परीक्षा कार्य संपन्न कराने वाले ऐसे लगभग 3800 छात्राध्यापकों को जिले के 33 डाइट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे सुचारू पूर्वक परीक्षा कार्य बिना बाधा के पूरा करा सकें। इस सर्वेक्षण के पारदर्शी क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा सीबीएसई के प्रशासनिक व अकादमिक अमले को ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया है जो प्रत्येक निर्धारित परीक्षा केंद्र में मानटरिंग करेंगे।
राज्य के विद्यार्थी अपनी शैक्षिक दक्षता का राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें इसके लिए परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण की पूर्व तैयारी के रूप में एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्या द्वारा राज्य के सभी स्कूलों के कक्षा 3री, 6वीं तथा 9वीं के विद्यार्थियों को प्रश्न बैंक एवं रीडिंग कार्ड उपलब्ध कराया गया है। उनके लिए विशेष तौर पर सभी निजी व सरकारी स्कूलों में मॉक टेस्ट का विशेष आयोजन किया जा रहा है। इस कार्य में राज्य के लगभग 146 निजी शिक्षा महाविद्यालयों के 19 हजार छात्र अध्यापकों का भी स्वैच्छिक सहयोग लिया जा रहा है।