योजनाबद्ध रणनीति से छत्तीसगढ़ कुपोषण के विरुद्ध जंग में कामयाब हो रहा है- मंत्री अमरजीत भगत

खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के वर्चुअल कार्यक्रम में हुए शामिल
छत्तीसगढ़ के खाद्य सुरक्षा एवं कुपोषण मुक्ति अभियान को चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने सराहा

     अम्बिकापुर 7 जून 2021/विश्व खाद्य सुरक्षा  दिवस के अवसर पर पीएचडीसीआई चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री नई दिल्ली द्वारा केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण तथा खाद्य प्रसंस्कण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत भगत विशिष्ट अतिथि के रूप में अम्बिकापुर के स्वान कक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम का थीम ’’स्वस्थ भविष्य के लिए सुरक्षित भोजन’’ था।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री भगत ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और कुपोषण मुक्ति अभियान के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई योजनाबद्ध रणनीति के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ कुपोषण के विलुप्त जंग में कामयाब हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने यह सुनिश्चित किया की छत्तीसगढ़ में कोई भूखा न सोये। सरकार ने भोजन ही नहीं बल्कि पौष्टिक भोजन सुनिश्चित कराया। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वभौमिक सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कुपोषण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का सुभारंभ 2 अक्टूबर 2019 को किया गया। प्रदेश के 66 लाख 24 हजार 872 राशन कार्डधारियों को रियायती दर पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है वहीं 1 वर्ष में ही कुपोषित बच्चों की संख्या में 15.64 प्रतिशत की कमी आई है।खाद्य मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने जब पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया और  देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया। ऐसे वक्त में जरूरतमंद तक भोजन और सुरक्षा सामग्री पहुँचाना एक बड़ी चुनौती है। इसका बखूबी सामना करते हुए छत्तीसगढ सरकार जरूरतमंदों तक भोजन व सुरक्षा सामग्रियाँ पहुँचाईं। लॉकडाउन के दौरान लोगों को बाहर न निकलना पड़े इसके लिये प्रदेश के सभी 57 लाख राशनकार्डधारी परिवारों को अप्रैल, मई व जून का राशन निःशुल्क प्रदाय किया गया। जिनके राशनकार्ड नहीं बने थे, उनके लिये भी खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।मंत्री श्री भगत ने कहा कि कुपोषित बच्चों में से अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे थे। राज्य सरकार ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ की संकल्पना के साथ पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की। अभियान को सफल बनाने के लिए इसमें जन-समुदाय का भी सहयोग लिया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन देने की व्यवस्था की गई। अतिरिक्त पोषण आहार में हितग्राहियों को गर्म भोजन के साथ अण्डा, लड्डू, चनाए गुड़, अंकुरित अनाज, दूध, फल, मूंगफली और गुड़ की चिक्की, सोया बड़ी, दलिया, सोया चिक्की और मुनगा भाजी से बने पौष्टिक और स्वादिष्ट आहार दिए जा रहे हैं।इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक पीएचडी चेम्बर आॅफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के अध्यक्ष सहित अन्य प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा खाद्य सुरक्षा और कुपोषण मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान की सराहना करते हुए अन्य प्रदेशों को भी इसी प्रकार के कार्यक्रम चलाने की अपील की गई।

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