जनजातियों के विकास और उनसे जुड़े मुद्दों पर टास्क फोर्स, राज्य योजना आयोग की पहली बैठक आयोजित

रायपुर, 11 जनू 2021/ राज्य योजना आयोग, छत्तीसगढ़ द्वारा जनजातीय विकास, वन और वन्यजीव प्रबंधन, लघु वनोपज प्रबंधन क्षेत्रों के विकास पर गठित टास्क फोर्स की पहली बैठक 10 जून 2021 को आयोग कार्यालय में आयोजित हुई। टास्क फोर्स में बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं कार्यदल के अध्यक्ष श्री राजेश तिवारी ने की। बैठक में मुख्यमंत्री के अन्य सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, श्री रुचिर गर्ग, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह, आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमणियम, सदस्य सचिव श्री अनुप कुमार श्रीवास्तव, विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। टास्क फोर्स में शामिल क्षेत्र के विषय-विषेषज्ञ सदस्यों प्रो. वर्जिनस ख़ाख़ा, श्री गंगाराम पैकरा, डॉ वेंटेकेश तगट, श्री श्याम पोलाबर्तिनी, डॉ. आर. बालसुब्रमण्यम, डॉ. निस्तर कुजूर, श्री सुशील चौधरी, श्री लालजी सिंह, श्री इतवारी बैगा ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भागीदारी की। 

बैठक में टास्क फोर्स के अध्यक्ष श्री राजेष तिवारी ने टास्क फोर्स की संदर्भ शर्तों को साझा किया। उन्होंने सदस्यों को टास्क फोर्स के कार्रवाई बिंदुओं जैसे जनजातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण और रोजगार की वर्तमान चुनौतियों, उनके प्रभावी समाधानों, कौशल विकास, आजीविका संभावनाओं, वन व वनोपज से जुड़े मुद्दों, पेसा के प्रभावी क्रियान्वयन आदि से सदस्यों को अवगत कराया। उन्होंने टास्कफोर्स से संबंधित क्षेत्रों में विकास हेतु प्रभावी व क्रियान्वयन योग्य व्यवहारिक कार्ययोजना प्रस्तुत करने का सुझाव दिया।
मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने टास्क फोर्स के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति में टास्क फोर्स का सुझाव महत्वपूर्ण होगा। इससे विभागों को सहायता मिलेगी। उन्होंने टास्क फोर्स को पिछड़े क्षेत्रों जैसे आदिवासी क्षेत्रों में पेयजल उपलब्धता, वनों के विकास, वन्यजीव संरक्षण आदि पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया।
आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह ने टास्क फोर्स के सदस्यों को आयोग की अपेक्षाओं से अवगत कराया तथा अपेक्षा की कि टास्क फोर्स द्वारा गहन विचार-विमर्ष उपरांत मुख्यमंत्री की मंषा अनुरुप व्यवहारिक अनुषंसाएं, जिनका क्रियान्वयन शीघ्र किया जा सके, देंगे। उन्होंने विषय से संबंधित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी टास्क फोर्स में जोड़ने का सुझाव दिया। इसके अलावा इस व्यापक विषय में छोटे-छोटे विषयवार कार्यसमूहों के गठन का सुझाव दिया।
टास्क फोर्स के सदस्य प्रो. वर्जिनस ख़ाख़ा ने प्रदेष के इकोसिस्टम, भौगोलिक/क्षेत्रीय व सांस्कृतिक विविधता को ध्यान रखकर विकंेद्रीकृत योजना निर्माण का सुझाव दिया। सदस्य डॉ. आर. बालसुब्रमण्यम ने गैप को चिन्हित करने की आवष्यकता व आदिवासियों के सषक्तीकरण पर बल दिया। उन्होेंने अन्य राज्यों के सफल प्रयोगों से सीखने पर भी बल दिया। सदस्य श्री श्याम पोत्तावर्तिनी ने योजना निर्माण में जनजातीय प्रतिनिधित्व को शामिल करने का सुझाव दिया। सदस्य श्री गंगाराम पैकरा ने लघुवनोपजों के प्रसंस्करण पर जोर देने की आवष्यकता बताई। सदस्य श्री वेंकटेष तगट ने अद्यतन आंकड़ों की आवष्यकता जाहिर की। सदस्य श्री इतवारी बैगा ने विषेष पिछड़ी जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण व विकास पर भी ध्यान देेने का सुझाव दिया। उन्होंने लघु वनोपजों जैसे हर्रा, बहेड़ा आदि के उत्पादन से जनजातियों की आजीविका बढ़ाने पर भी ध्यान देने का सुझाव दिया। सदस्य श्री लालजी सिंह ने जनजातियों की सामुदायिक सहभागिता पर जोर देेने की बात कही। सदस्य श्री सुशील चौधरी ने न्यून लागत प्रौद्योगिकी पर बल देने का सुझाव दिया।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में आयोग द्वारा राज्य के विकास से जुड़े 14 विषयों पर टास्कफोर्सेस का गठन किया है। जिनमें कृषि, षिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। आदिवासी जनसंख्या, वन संसाधन के अनुपात को देखते हुए एक टास्क फोर्स जनजातीय विकास, वन वन्यजीव प्रबंधन, लघुवनोपज पर भी गठित किया गया है। इसमें इस क्षेत्र से संबंधित देष व प्रदेष से विषेषज्ञों को शामिल किया गया है। आवष्यकतानुसार टास्क फोर्स में अन्य विषय-विषेषज्ञों को भी जोड़ा जा सकेगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि टास्क फोर्स अगली बैठक शीघ्र ही आयोजित किया जाएगा एवं टास्क फोर्स का प्रतिवेदन निर्धारित समय सीमा में प्रस्तुत किया जाएगा। श्री अनुप कुमार श्रीवास्तव, सदस्य सचिव, राज्य योजना आयोग ने बैठक में उपस्थिति हेतु सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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