रायपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिलों में 681 करोड़ रूपए के कार्यो का लोकार्पण-भूमिपूजन
समाजसेवी श्री नेमीचंद श्रीश्रीमाल और वरिष्ठ पत्रकार श्री गोविंदलाल वोरा की प्रतिमा का अनावरण
रायपुर में 74.38 करोड़ रूपए की लागत वाली 24 घंटे जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन
रायपुर, 13 जून 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ-साथ जिलों में मजबूत अधोसंरचना का विकास एवं नागरिक सुविधाओं की बढ़ोतरी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी रायपुर हो या नया जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही दोनों के विकास के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकताएं एक जैसी हैं। नये जिले के विकास के लिए संसाधनों की कमी नही होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों का विकास उसकी गरिमा के अनुरूप किया जा रहा है। रायपुर जिले के शहरी क्षेत्रों से उनके आसपास के गांवों के रोड़ नेटवर्क को मजबूत करने का काम लगातार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में रायपुर और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 681 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 752 विकास कार्यों के लोकार्पण-भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। रायपुर जिले में 561 करोड़ 32 लाख रूपये के 391 विकास कार्यों में से 100 करोड़ 32 लाख रूपये के 28 कार्यों का लोकार्पण और 461 करोड़ रूपए के 363 कार्यो का भूमिपूजन किया गया। इसी प्रकार गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में 120 करोड़ 8 लाख रूपए की लागत के 361 कार्यों में 67 करोड़ 26 लाख रूपये के लागत से 300 विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं 52 करोड़ 81 लाख रूपये के 61 कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।
वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रायपुर के बाल आश्रम में समाजसेवी श्रीश्रीमाल और पत्रकारिता के पुरोधा श्री गोविंदलाल वोरा की प्रतिमा का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि समाजसेवी श्री नेमीचंद श्रीश्रीमाल और पत्रकारिता के पुरोधा श्री गोविंदलाल वोरा ने समाज सेवा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। छत्तीसगढ़ में दाऊ कल्याण सिंह से लेकर नगर माता बिन्नी बाई तक त्याग, दान और परोपकार की परंपरा रही है। श्री नेमीचंद श्रीश्रीमाल जी और गोविंद लाल वोरा जी ने उसी परंपरा को आगे बढ़ाया। उनकी प्रतिमाएं लोगों को हमेशा परोपकार के लिए प्रेरित करती रहेंगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दोनों जिलों में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में रायपुर स्मार्ट योजना क्षेत्र में 74 करोड़ 38 लाख रुपए की राशि से निर्मित होने वाली चौबीसों घंटे-सातों दिनों जल प्रदाय की सुविधा वाली योजना सहित अनेक कार्यो का भूमिपूजन किया। उन्होंने कहा कि सड़कों, पुल-पुलियों, बिल्डिंगों के मामले में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही भले ही आज पीछे हो, लेकिन राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और सुराजी गांव योजना का लाभ लेने में पीछे नहीं है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बैगा तथा अनुसूचित जनजाति के 723 किसानों को 300 हेक्टेयर में कोदो की खेती के लिए निःशुल्क बीज का वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले में भी कोरोना के खिलाफ बहुत सफलता के साथ लड़ाई लड़ी गई। गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले में वनवासी भाइयों को पिछले दो वर्षों में 1676 लोगों को 603 हेक्टेयर भूमि के व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टे तथा 51 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रों के जरिए 38,650 हेक्टर से अधिक भूमि पर लोगों को वन संसाधन के अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में भी अच्छी सफलता मिली है। वर्ष 2019-20 में इस जिले के बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 23.12 था, जो 2020-21 में घटकर 20.46 प्रतिशत हो गया है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों से वंचितों, गरीबों, आदिवासियों, किसानों, महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा किया है। छत्तीसगढ़ के लोगों में जागरूकता आई है। अब वे मुखर होकर बोलने लगे हैं। यहीं छत्तीसगढ़िया की असली पहचान है। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि कोरोनाकाल में दिवंगत शासकीय सेवकों के आश्रितों को एक माह के भीतर अनुकंपा नियुक्ति दिलाना, मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल जैसी योजनाओं से छत्तीसगढ़ में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।
कार्यक्रम में राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का नवगठित जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के प्रति विशेष लगाव रहा है। यह जिला नया होने के बावजूद तेजी से विकास कर रहा है। राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा कहा कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति, भाषा, परम्परा, तीज-त्यौहारों के जरिए छत्तीसगढ़ की आत्मा को जगाने का काम किया है। इससे छत्तीसगढ़ियों में नया आत्मविश्वास आया है। सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत और श्री अरूण साव, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, विधायक सर्वश्री डॉ. के.के.धु्रव, धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, अनिता योगेन्द्र शर्मा, कुलदीप जुनेजा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।